
Dhanteras 2019 : भगवान धन्वंतरि की आरती
25 अक्टूबर शुक्रवार को धनतेरस का पर्व है। धनतेरस के दिन धन-आरोग्य के देवता भगवान श्री धन्वतंरि जी की पूजा अर्चना की जाती है। कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथी को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इसी शुभ दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। धनतेरस के दिन विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनी वस्तुएं खरीदने का भी महत्व है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वतंरि का विधिवत पूजन करने के बाद इस आरती को करने से मनोकामना पूरी कर देते हैं।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वतंरि की आरती करने से पहले इस मंत्र का 108 बार तुलसी की माला से जप जरूर करें।
ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय
सर्व रोग निवारणाय त्रैलोक्य पतये
त्रैलोक्य निधये श्री महा विष्णु स्वरूप
श्री धन्वंतरि स्वरुप श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा ।।
।। भगवान श्री धन्वन्तरी जी की आरती ।।
1- ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
2- तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
3- आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
4- भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
5- तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
6- हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
7- धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा॥
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Published on:
24 Oct 2019 12:38 pm
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