
25 अक्टूबर को है धनतेरस, ऐसे घर आएंगी माँ लक्ष्मी
हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व कहा जाने वाली दीपावली महापर्व के ठीक दो दिन पहले धनतेरस का पर्व भी उल्लास के मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मनुष्य को अन्य सुख साधन की अपेक्षा अपनी नीरोग काया के लिए भगवान धनवंतरी की आराधना करना चाहिए। लेकिन धनतेरस के दिन ज्यादातर लोग सोना-चांदी, धन-वैभव अपने घर लाने में ज्यादा तत्परता दिखाते हैं और सेहत को भूल ही जाते ही हैं। लेकिन शास्त्रों के मुताबिक इस दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरी की पूजा-अर्चना के साथ दैनिक जीवन में संयम-नियम आदि का पालन करने का संकल्प ले तो माता लक्ष्मी की कृपा स्वतः ही होने लगती है।
धनतेरस के दिन धन प्राप्ति के लिए करें यह उपाय
जिस प्रकार देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं, उसी प्रकार भगवान धन्वंतरी भी अमृत कलश के साथ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए है। माता लक्ष्मी जी को धन देवी और भगवान धनवंती को आरोग्य स्वास्थ्य और लम्बी दीर्घ आयु के देवता माना जाता है। अगर धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी से लंबी आयु एवं अपार धन का वरदान चाहिए तो अपने घर, आंगन, या अन्य व्यापार केंद्र पर गाय के घी के दीपक जलाना चाहिए, ऐसा करने पर भगवान धनवंतरी की कृपा से व्यक्ति को परिवार सहित उत्तम स्वास्थ्य, लंबी आयु एवं धन-धान्य का वरदान मिलता है।
धनतेरस के दिन धन्वंतरी जी का हुआ था जन्म
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान श्री धन्वंतरी जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। धन्वंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था, भगवान धन्वंतरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा भी है। कहीं-कहीं लोक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन खरीददारी करने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं और दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने खेतों में बोते हैं।
भगवान धन्वंतरी
भगवान धन्वंतरी को हिन्दू धर्म में देवताओं का वैद्य माना जाता है। ये एक महान चिकित्सक थे, जिन्हें देव पद प्राप्त हुआ, हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। लोक के लिए समुद्र मंथन से त्रयोदशी तिथि को धन्वंतरी, चतुर्दशी तिथि को काली माता और अमावस्या के दिन भगवती माता महालक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव हुआ था, इसीलिये दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
धनतेरस का महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना अधिक शुभ होता है। इस दिन शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्य गेहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ रहता है।
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Published on:
14 Oct 2019 10:41 am
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