भगवान शिव की सावन में पूजा अति विशेष
सावन 2021 मास का कृष्ण पक्ष इन दिनों अपने अंतिम दौर में है। ऐसे में आने वाला सावन का सोमवार शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार होगा। दरअसल इस बार सावन 25 जुलाई से शुरु हुआ और इस मास की समाप्ति 22 अगस्त 2021 को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगी। ऐसे में इस दौरान कुल चार सावन सोमवार हैं।
25 जलाई को शुरु हुए सावन मास के बाद से ही अभी कृष्ण पक्ष चल रहा है, ऐसे में अब 8 अगस्त को शाम 07:19 बजे तक अमावस्या रहने के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा लग जाएगी। वहीं सावन का आने वाला तीसरा सोमवार 09 अगस्त को होने के चलते सावन शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार होगा।
दरअसल यूं तो पूरे चातुर्मास में ही शिव सृष्टि का पालन करते हैं, लेकिन इसमें भी सावन उनका प्रिय मास होने के चलते अति विशेष माना गया है। ऐसे में पूरे सावन के दौरान जगह जगह भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव की सावन में पूजा अति विशेष होने के साथ ही कई तरह की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली भी होती हैं।
वहीं सप्ताह में सोमवार भगवान शिव का विशेष दिन होने के चलते सावन के सोमवार के का अत्यधिक महत्व हो जाता है। ऐसे में अब तक सावन का पहला सोमवार और दूसरा सोमवार सावन के कृष्ण पक्ष में बीत चुका हैं, जबकि अब आने वाला सावन का तीसरा सोमवार शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार होगा। सावन के इस तीसरे सोमवार यानि 09 अगस्त 2021 को जहां 11:37 AM से 12:30 PM बजे तक अभिजीत मुहूर्त का निर्माण हो रहा है।
सावन सोमवार: पूजा विधि
भगवान शंकर की सावन सोमवार में विशेष पूजा का विधान है। इस दिन भगवान शिव का श्रद्धा व विश्वास के साथ अभिषेक करते हुए उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यदि आप अभिषेक नहीं भी कर पा रहे हैं तो भी पूजा के लिए ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें। इसके पश्चात पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करें, जिनमें बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल मुख्य रूप से शामिल होना चाहिए। फिर इनसे भगवान शिव की पूजा करें।
इस पूरे दिन उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान करने के बाद गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। उत्तर-पूर्व दिशा में मुंह करके आसन पर बैठ जाएं, और फिर भगवान शिव के मंत्र का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाएं।
इसके साथ ही सावन की तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव के पूजन का विधान है। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम: मंत्र का जाप श्रेष्ठ माना गया है। माना जाता है कि ये जाप 11 माला किया जाना चाहिए।