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दीपोत्सव 2022- सबसे पहले महाकाल में जलेंगी खुशियों की फुलझड़ियां

- विशेष संयोगों से आस्था के दीप जलेंगे, उत्सव का रहेगा उल्लास - परंपरानुसार हर त्योहार की शुरुआत अवंतिका नगरी में बाबा के आंगन से होती है। भस्म और संध्या आरती के दौरान दिवाली मनाई जाएगी।  

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Deepesh Tiwari

Oct 21, 2022

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दीपोत्सव का शुक्रवार यानी ग्यारस से श्री गणेश होगा। पांच दिन घरों में दीप सज्जा होगी। इससे पहले राजाधिराज भगवान बाबा महाकाल के दरबार में खुशियों की फुलझड़ियां चलेंगी। आस्था के दीप जगमगाएंगे। उल्लास के अनार-चकरी चलेंगे। परंपरानुसार अवंतिका नगरी में हर त्योहार की शुरुआत बाबा महाकाल के आंगन से होती है।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होती है। त्योहारों की विशेष शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से मानी जाती है। यह एकादशी रमा एकादशी के नाम से जानी जाती है। 21 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रहेगा। प्रदोष काल में गोवत्स द्वादशी की पूजन होगी, क्योंकि एकादशी से वार, नक्षत्र का संयोग अनुकूल होने से यह 5 दिन पर्व की दृष्टि से शुभ माने जाएंगे।

तिथियों के संधिकाल में पर्व
पंचांग की गणना तथा तिथियों के घटते-बढ़ते क्रम से पर्वकाल तिथियों की संधि में मनेंगे, क्योंकि जब भी कोई तिथि विशेष पूजनीय हो अथवा 1 दिन में या 12 घंटे में या उदयकाल से लेकर अस्तकाल में या अस्तकाल के प्रदोष काल में पहली तिथि के चलते दूसरे तिथि का स्पर्श हो तो दूसरी तिथि की मान्यता प्रबल हो जाती है। इस दृष्टि से धनतेरस 22 अक्टूबर यानी शनिवार को प्रदोष काल में रहेगी।

23 अक्टूबर रविवार को धन्वंतरि के प्राकट्य उत्सव का पर्व मनाया जाएगा।

24 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त व प्रात: काल में रूप चौदस का महापर्व और 24 तारीख की सायंकाल में दीपावली का महा पर्व मनाया जाएगा।

25 अक्टूबर की प्रात:काल स्नान दान की अमावस्या रहेगी।

दो दिन धनतेरस ऐसे करें पूजा...
ज्योतिषाचार्य पं. चंदन व्यास ने बताया धनतेरस इस वर्ष 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर लग रही है। यम के निमित्त दीपदान शनिवार को करना शास्त्र सम्मत है।

तेरस तिथि 23 अक्टूबर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी लगेगी। शनिवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और एंद्र योग में धनतेरस मनाई जाना उचित है। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है।

क्या खरीदें इस दिन, कैसे करें पूजा
इस दिन कुबेर यंत्र, श्रीयंत्र और महालक्ष्मी यंत्र को घर, मंदिर और प्रतिष्ठानों में स्थापित कर इत्र, केसर, जावित्री, कमल गट्टे से पूजन कर मिठाई का नैवेद्य लगाएं। धनतेरस के दिन सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के और बर्तन की खरीदारी होती है। मान्यता है इस दिन खरीदारी करने से जीवन में धन-धान्य का अभाव खत्म हो जाता है। कई लोग इस दिन झाड़ू भी खरीदते हैं।