
गणेश चतुर्थी 2019 : बरसों बाद बन रहा शुभ संयोग, चित्रा नक्षत्र में ही विराजेंगे श्रीगणेश, जानें सही व सटीक शुभ मुहूर्त
Ganesh Chaturthi 2019 : साल 2019 में गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi ) का पर्व 2 सितंबर दिन सोमवार को है। हर साल भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जन्मोत्सव (गणेश चतुर्थी) का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीगणेश की स्थापना गणेश भक्त अपने घरों में करेंगे और लगातार 10 दिन तक विराजमान रहेंगे, एवं ग्यारहवें दिन 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन विदा होकर विसर्जित होंगे। जानें घर में गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त की सही और सटीक जानकारी सिर्फ पत्रिका डॉट कॉम पर।
ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पंड्या ने बताया की इस साल वही शुभ संयोग बन रहा है जो भगवान श्रीगणेश जी के जन्म के समय बना था। भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि यानी की सोमवार 2 सितम्बर को है, इस बार 11 दिनों तक गणेश महापर्व का उत्सव मनाया जाएगा। 2 सितंबर को चतुर्थी तिथि सूर्योदय से पूर्व की लग जायेगी जो पूरे दिन रहेगी।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त- 2 सितंबर 2019
हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार गणेश चतुर्थी 2 सितम्बर दिन सोमवार है- इस दिन इन शुभ चौघडियों में करें अस्थाई मृतिका गणेश स्थापना-
1- प्रातः - 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक- अमृत
2- सुबह - 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक- शुभ
3- दोपहर - 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक- चल
4- दोपहर - 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक- लाभ
5- शाम - 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक- अमृत
6- शाम - 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक- चल
ग्यारह दिवसीय गणेश महोत्सव की तिथि
1- गणेश चतुर्थी व्रत- 2 सितम्बर - सोमवार
2- ऋषि पंचमी- 3 सितम्बर - मंगलवार
3- मोरछठ-चम्पा सूर्य षष्ठी - 4 सितम्बर - बुधवार
4- संतान सप्तमी - 5 सितम्बर - गुरुवार
5- राधाष्टमी - 6 सितम्बर - शुक्रवार
6- मूल दिनरात, श्री हरी जयंती - 7 सितंबर - शनिवार
7- सुंगध धुप दशमी, रामदेव जयंती - 8 सितंबर - रविवार
8- पदमा डोल ग्यारस - 9 सितम्बर - सोमवार
9- भुवनेश्वरी जयंती, श्री वामन जंयती - 10 सितम्बर - मंगलवार
10- प्रदोष व्रत - 11 सितंबर - बुधवार
11- अनंत चतुथदर्शी - 12 सितम्बर - गुरुवार
श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि
श्री गणेश चतुर्थी के दिन प्रात:काल ब्राह्ममुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर इस दिन केवल मिट्टी से बने गणेश जी की प्रतिमा ही स्थापित करना चाहिए। षोडशोपचार विधि से उनका पूजन करें। पूजन के पश्चात् नीची नजऱ यानी की धरती में देखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देकर दर्शन करना चाहिए। श्रीगणेश पूजा में चतुर्थी के दिन गणपति को 21 लड्डुओं का भोग लगाकर उसी भोग को प्रसाद रूप में सभी को बांटना चाहिए।
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Published on:
25 Aug 2019 02:13 pm
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