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गणेश चतुर्थी के दिन इस एक गलती से लग सकता है कलंक, बरतें सावधानी

2 सितंबर, सोमवार के दिन मनाई जाएगी देशभर में गणेश चतुर्थी

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Aug 26, 2019

ganesh chaturthi 2019

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2 सितंबर 2019, सोमवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। यह पर्व 10 दिनों गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्थी तक तक बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। देशभर में यूं तो गणेश चतुर्थी का बहुत अधिक महत्व होता है, लेकिन महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी ( ganesh chaturthi 2019 ) को प्रमुख त्योहार के रुप में मनाया जाता है। अनंत चतुर्थी ( anant chaturdashi ) तक यह पर्व हर्षो उल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। जगह-जगह मनमोहक झांकियां दिखने को मिलती है और गणपति बप्पा के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है।

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स्थापना का शुभ मुहूर्त ( shubh muhurt )

- पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार यह मुहूर्त सिर्फ 2 घंटे 32 मिनट तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सुबह पहले स्नान करके गणेश जी की प्रतिमा बनाएं। प्रतिमा सोने, तांबे, मिट्टी या गाय के गोबर से तैयार करें। इसके बाद एक साफ कलश लेकर उसमें जल भरें और उसे कोरे कपड़े से बांध दें। तब जाकर भगवान गणेश की प्रतिमा का स्थापना करें। इसके बाद प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाकर षोडशोपचार का पूजा करें। गणेश जी को दक्षिणा अर्पिता कर के 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। गणेश जी के पास केवल पाचं लड्डू रखें बाकि बचे हुए लड्डूओं को ब्राह्मणों में बांट दें।

भगवान गणेश जी की पूजा हमेशा शाम के वक्त करनी चाहिए। पूजा के बाद आंखों को नीचे करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। अर्घ्य देने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दक्षिणा दें। गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कभी ना करें वरना कलंक मिल सकता है। इस पर्व पर चंद्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है।

गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी ना करें ये गलती

भगवान गणेश जी की पूजा हमेशा शाम के वक्त करनी चाहिए। पूजा के बाद आंखों को नीचे करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें। मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने से कलंक मिल सकता है। इस पर्व पर चंद्र दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है। अर्घ्य देने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और यथाशक्ति दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लें।