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अपनी कामना के अनुसार करें गणेश-प्रतिमा का पूजन

श्री गणेश के जन्म का पर्व है गणेशोत्सव...

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Ganesh Chaturthi 2020 : Worship Ganesha-idol according to your wish

Ganesh Chaturthi 2020 : Worship Ganesha-idol according to your wish

हिंदू धर्म में मां पावर्ती व भगवान शंकर के पुत्र श्री गणेश को प्रथम पूज्य देव का स्थान प्राप्त है। इसके साथ ही श्री गणेश आदिपंच देवों में भी स्थान रखते हैं। श्री गणेश का प्रमुख पर्व भाद्रपद के महीने की विनायक चतुर्थी को आता है। जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, माना जाता है कि इसी दिन श्री गणेश का जन्म हुआ था, ऐसे में उनके जन्म का यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसे गणेश उत्सव भी कहते हैं।

जानकारों के अनुसार प्रत्येक चन्द्र महीने में दो चतुर्थी तिथि होती है। शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की होती है। शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के बाद चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है, और कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण विनायक चतुर्थी भाद्रपद के महीने में होती है। भाद्रपद के दौरान विनायक चतुर्थी, गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है।

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पंडित सुनील शर्मा के अनुसार श्री गणेशोत्सव के 10 दिनों में अपनी हर विशेष कामना पूरी की जा सकती है। माना जाता है कि इस दौरान अलग-अलग कामनाओं के अनुसार अलग-अलग द्रव्यों से बने हुए गणपति की स्थापना कर वांछित फल प्राप्त किया जा सकता है। जो इस प्रकार हैं...


श्री गणेश : प्रतिमा का पूजन...

: मिट्टी के श्री गणेश :
सर्व कार्य सिद्धि के लिए मिट्टी के पार्थिव श्री गणेश बनाकर पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।

: गुड़ के श्री गणेश:
जबकि लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गुड़ के गणेश जी बनाकर उनका पूजन करना चाहिए।

: केसर से श्री गणेश :
वहीं भोजपत्र पर केसर से श्री गणेश प्रतिमा या चित्र बनाकर पूजन करने से विद्या प्राप्ति होती है।

: लाख के श्री गणेश :
लाख के श्री गणेश बनाकर पूजन करने से स्त्री सुख और स्त्री को पति सुख प्राप्त होता है। घर में क्लेश निवारण होता है।

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: गोबर गणेश :
गाय के गोबर के श्री गणेश बनाकर पूजन करने से पशुधन में वृद्धि होती है। पशुओं की बीमारियां नष्ट होती है।

: श्वेतार्क श्री गणेश :
सफेद आक मन्दार की जड़ के श्री गणेश जी बनाकर पूजन करने से भूमि लाभ व भवन लाभ होता है।

: नमक से श्री गणेश :
नमक की डली या नमक से श्री गणेश बनाकर पूजन करने से शत्रुओं में परस्पर क्षोभ उत्पन्न होता है। वह आपस में ही झगड़ने लगते हैं।

: नीम से श्री गणेश :
कड़वे नीम की लकड़ी से गणेश जी बनाकर पूजन करने से शत्रुनाश होता है और सर्वत्र विजय होती है।

: हरिद्रा गणेश :
हल्दी की जड़ से या आटे में हल्दी मिलाकर श्री गणेश प्रतिमा बनाकर पूजन करने से विवाह में आने वाली हर बाधा नष्ट होती है।

: मक्खन के श्री गणेश :
मक्खन के श्री गणेश जी बनाकर पूजन से सन्तान प्राप्ति के योग निर्मित होते हैं।

: सप्तधान्य के गणेश :
सप्तधान्य को पीसकर उनके श्रीगणेश जी बनाकर आराधना करने से धान्य वृद्धि होती है। मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं।

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