scriptगंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति | Ganga Saptami 2020 : Thursday 30 April Mahatva in hindi | Patrika News

गंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति

Published: Apr 28, 2020 04:48:23 pm

Submitted by:

Shyam

जब गंगा मैया को महर्षि जाह्नु ने आशीर्वाद

गंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति

गंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति

इस साल 2020 में गंगा सप्तमी का पर्व 30 अप्रैल दिन रविवार को हैं। यह पर्व वैशाख मास की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा सप्तमी एक प्रकार से गंगा मैया के पुनर्जन्म के रूप में मनाया जाता है। इसलिये इसे कई स्थानों पर गंगा जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है, लेकिन अगर गंगा स्नान नहीं संभव न हो तो इस काम को करने मात्र सें गंगा स्नान का फल मिलता है और ज्ञात अज्ञात छोटे बड़े पापों से मुक्ति मिल जाती है।

प्रसन्न हो जाएंगे शनिदेव, शनिवार सुबह एवं शाम कर लें ये रामबाण उपाय

महर्षि जाह्नु और गंगा मैया

ऋषि भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिये कड़ा तप कर गंगा मैया को पृथ्वी पर लेकर आये थे, तब भगवान शिव ने अपनी जटाओं में लपेट कर गंगा के अनियंत्रित प्रवाह को नियंत्रित कर लिया था। लेकिन बावजूद उसके भी गंगा मैया के रास्ते में आने वाले बहुत से वन, आश्रम नष्ट हो रहे थे। चलते-चलते वह जाह्नु ऋषि के आश्रम में पंहुच गई, जिससे उनके आश्रम में भारी नुक्सान हो गया। ऋषि जाह्नु इस कारण बहुत ही क्रोधित हो गए एवं गंगा मैया के सारे पानी को पी गये।

गंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति

और गंगा बन गई जाह्न्वी

ऋषि जाह्नु के द्वारा गंगा का पूरा जल पी लेने से ऋषि भगीरथ को अपना प्रयास विफल दिखाई देने लगा। वह जाह्नु ऋषि को प्रसन्न करने के लिये तप पर बैठ गये। देवताओं ने भी महर्षि से अनुरोध कर गंगा के पृथ्वी पर अवतरित होने के महत्व के बारे में बताया। तब जाकर ऋषि जाह्नु का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने अपने कान से गंगा मैया को मुक्त कर दिया, तभी से गंगा मैया को जाहन्वी भी कहा जाने लगा।

गंगा सप्तमी 2020 : गंगा स्नान ही नहीं इस काम से भी छोटे बड़े पापों से मिलती है मुक्ति

ऐसा करने से मिलती है पापों से मुक्ति

जिस दिन ऋषि जाह्नु ने गंगा को मुक्त किया था उस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि थी। इसलिये इसे गंगा सप्तमी और जाह्नु सप्तमी भी कहा जाता है। ऋषि जाह्नु ने प्रसन्न होकर गंगा को आशीर्वाद दिया था कि गंगा स्नान करने वाले के सभी दुख-दर्द दूर होने के साथ कोसो मील दूर बैठा जो कोई पापी मनुष्य भी तुम्हारा ध्यान मात्र कर लेगा उसके ज्ञात अज्ञात पापों का दुष्फल नष्ट हो जाएगा।

***********

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो