ऐसे करें पूजन
भारतीय हिन्दू धर्म में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है क्योंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता है, वैसा ही गाय माता का होता है। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिती में सुख देती है, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती है। गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौ माता का पूजन करें। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रात:काल गौओं को स्नान कराकर, उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करें एवं गायों के साथ कुछ दूर तक पैदल भी चलें, ऐसा करने आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि गाय पूजा से मनुष्य की प्रगति के मार्ग खुलने लगते हैं। गायों को भोजन कराने एवं उनकी चरण को मस्तक पर लगाने से सुख सौभाग्य, समृद्धि की प्राप्ति होती है।
गोपाष्टमी तिथि व मुहूर्त
गोपाष्टमी – 4 नवंबर दिन सोमवार 2019
गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ – 4 नवंबर को सूर्यादय के पूर्व ही प्रारंभ हो जाएगी।
गोपाष्टमी तिथि का समापन – 5 नवंबर को प्रातः 4 बजकर 57 मिनट पर होगा।
गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा करने वालों से भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गाय के पूरे शरीर में सभी देवी देवताओं का वास माना जाता है। ऐसी मान्यता है की गौ सेवा करने वाले मनुष्यों का जीवन धन धान्य और खुशियों से भर जाता है इसलिए गाय माता की पूजा व सेवा हर किसी को करनी ही चाहिए।
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