
Govardhan puja muhurat
प्रतिपदा नन्दा संज्ञक तिथि रात्रि १.३८ तक, तदुपरान्त द्वितीया भद्रा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते। पर देवीकार्य व नवरात्रादि के लिए शुभ माना गया है। द्वितीया तिथि में सभी पौष्टिक, प्रतिष्ठादि, शुभ व मांगलिक कार्य प्रशस्त हैं।
नक्षत्र: चित्रा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ८.३९ तक, तदन्तर स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रहेगा। चित्रा नक्षत्र में शांति, पुष्टता, मांगलिक, वस्त्रालंकार सम्बंधी कार्य और स्वाति नक्षत्र में देवालय, मांगलिक कार्य, वास्तु, वस्त्रालंकार व शस्त्र सम्बंधी समस्त कार्य करने चाहिए।
योग: विष्कुंभ नामक योग अपराह्न ३.२८ तक, तदुपरान्त प्रीति नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: आज सूर्योदय से प्रात: १०.१७ तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग, तदन्तर अंतरात्रि ३.०१ बजे तक द्विपुष्कर नामक शुभाशुभ योग है। द्विपुष्कर नामक योग में प्रारम्भ किए गए कार्यों का दोहरा लाभ या दोहरी हानि होती है। आज गोवर्धन पूजा के मुहू्र्त निम्न प्रकार हैं-
गोवर्धन पूजन का समय
चर, लाभ, अमृत : सुबह ६.३३ से १०.४७
शाम को पूजन व मर्दन का समय - प्रदोष काल : ५.५१ मिनट से रात्रि ८.२० बजे तक
भाईदूज पूजन का मुहूर्त
शुभ : सुबह ७.५८ बजे से ९.२२ बजे
चर, लाभ अमृत : १२.१२ से ४.२५ बजे
करण: किंस्तुघ्न नामक करण दोपहर बाद १.१० तक, तदन्तर बवादि करण रहेंगे।
शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: मुहर्रम-२९
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद्
मास : कार्तिक। पक्ष - शुक्ल।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज नामकरण, विपणि-व्यापारारम्भ चित्रा नक्षत्र में तथा प्रसूतिस्नान व हलप्रवहण आदि के स्वाति नक्षत्र में शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न १०.४७ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.१२ से दोपहर बाद १.३६ तक शुभ तथा सायं ४.२६ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.४९ से दोपहर १२.३४ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, बलिराज पूजा, जैन सम्वत् २५४४ प्रारंभ, विश्व एकता दिवस और गुरु हरिराय पुण्य दिवस (नवीन मत से) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में रहेगा।
दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज तुला राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। याद रखें- यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व शुभप्रद माना गया है।
राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (री, रू, रे, रो, ता, ति) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि तुला है। इनका जन्म रजतपाद हुआ है। जो शुभ फलप्रद है। सामान्यत: ये जातक बुद्धिमान, साहसी, धनवान, व्यापार-व्यवसाय में निपुण, ऐश्वर्यवान, जितेन्द्रिय और पराक्रमी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग ३० से ३६ वर्ष की आयु तक होता है। तुला राशि वाले जातकों का आज अच्छे व भला चाहने वाले मित्रों से संपर्क होगा। विवाह योग्य युवक-युवतियों के वैवाहिक सम्बंधों के प्रस्ताव आएंगे।
Published on:
20 Oct 2017 07:10 am
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