25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Hartalika teej 2019: माता पार्वती के श्रृंगार में इसे जरुर करें शामिल, भूलकर भी ना करें गलती

हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Tanvi Sharma

Sep 02, 2019

hartalika teej puja 2019

,,,,

हरतालिका तीज व्रत 2 सितंबर, सोमवार के दिन सुहाग का पर्व है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र व कुंवारी युवतियां मनवांछित पति पाने के लिए यह व्रत रखेंगी। कथाओं के अनुसार यह व्रत देवी पार्वती नें भगवान शिव को पाने के लिए किया था। इस व्रत को सच्चे मन से करने पर अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है। शुभ योगों में इस बार हरतालिका तीज की पूजा होगी। आइए जानते हैं हरतालिका तीज ( hartalika teej 2019 ) पूजा विधि, सामग्री और तीज व्रत से जुड़ी कुछ विशेष बातें....

पढ़ें ये खबर- Hartalika teej 2019: 14 सालों बाद बन रहा हरतालिका तीज पर दुर्लभ संयोग

हरतालिका तीज पूजा व्रत सामग्री ( hartalika teej puja samagri )

बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनैव, धागा और नए वस्त्र।

इसके अलावा श्रीफल, कलश,अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि।

हरितालिका तीज की पूजा विधि ( Hartalika teej puja vidhi ) :

पंडितों रमाकांत मिश्रा ने बताया कि इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरतालिका तीज प्रदोष काल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। यह दिन और रात के मिलन का समय होता है। हरतालिका पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।

इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें। सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

- अगर महिला ज्‍यादा बीमार है तो उसके बदले घर की अन्‍य महिला या फिर पति भी इस व्रत को रख सकता है।