
हरतालिका तीज का व्रत हर साल भादो मास के शुक्ल तृतीया तिथि को रखा जाता है। वहीं इस साल तृतीया तिथि को लेकर बहुत असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते कुछ महिलाएं 1 सितंबर को व्रत रखेंगी तो कुछ महिलाएं 2 सितंबर को व्रत रखेंगी। हरतालिका तीज को लेकर ज्योतिषियों में भी असमंजस्य था, जिसे लेकर सबने अपने अपने तर्क दिए। वहीं पंडित रमाकांत मिश्रा ने बताया कि सोमवार को हरतालिका तीज और चतुर्थी एक साथ पड़ रही है। सोमवार, 2 सितंबर को हरतालिका तीज के दिन बहुत ही दुर्लभ संयोग भी बन रहा है जिसमें व्रत व पूजन करने से बेहद शुभ फल प्राप्त होंगे।
सोमवार, 2 सितंबर को हरितालिका तीज व्रत इसलिए माना जाएगा शुभ
पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार इस बार भाद्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी व्यापिनी तृतीया को ही हरितालिका तीज का व्रत और पूजन करना ही शुभ रहेगा। सुख, सौभाग्य और पुत्रादि बढ़ाने वाली है। शास्त्रों में द्वितीया युक्त तृतीया को हरितालिका तीज का व्रत-पूजन निषेध बताया गया है। पंडित ने बताया कि रविवार एक सितंबर की सुबह 11.02 बजे से तृतीया तिथि है जो दो सितंबर की सुबह 8.42 बजे तक रहेगी। वहीं हस्त नक्षत्र 2 सितंबर को सुबह 7.15 बजे तक रहेगा। सोमवार 2 सितंबर को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि है। सुबह लगभग 9 बजे के बाद चतुर्थी हो जा रही है तो यह तृतीया-चतुर्थी युक्त 2 सितंबर को ही व्रत रखना उत्तम माना जाएगा।
बन रहा दुर्लभ संयोग
ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा
इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पहले उठती हैं और नहाकर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित करें और इसके साथ ही पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान अर्पति करें। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती करें और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनें।
Updated on:
01 Sept 2019 12:41 pm
Published on:
01 Sept 2019 12:31 pm
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