
krishna janmashtami 2019 : जन्माष्टमी के दिन इन 13 मंत्रों की अर्थ सहित कर लें वंदना, कृष्ण करेंगे हर मनोकामना पूरी
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 24 अगस्त 2019 को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जायेगा। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक जन्माष्टमी के शुभ दिन कृष्ण जी के इन मंत्रों ( janmashtami puja mantra ) की स्तुति वंदना अर्थ सहित करने से व्यक्ति की अनेक सात्विक मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
1- श्रीकृष्ण गोविंद हे राम नारायण, श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे।
अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज, द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक।।
भावार्थ- हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे राम, हे नारायण, हे रमानाथ, हे वासुदेव, हे अजेय, हे शोभाधाम, हे अच्युत, हे अनन्त, हे माधव, हे अधोक्षज ( इंद्रियातीत), हे द्वारकानाथ, हे द्रौपदीरक्षक मुझ पर कृपा कीजिये।
2- अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
भावार्थ- श्री मधुरापधिपति का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर मधुर हैं। मुख मधुर है, नेत्र मधुर हैं, हास्य मधुर है और गति भी अति मधुर है।
3- वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।।
भावार्थ- कंस और चाणूर का वध करने वाले देवकी के आनंदवर्धन, वासुदेवनन्दन जगद्गुरु श्रीकृष्ण चंद्र की मैं वन्दना करता हूं।
4- वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वर:।
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम।।
भावार्थ- श्री राधारानी वृन्दावन की स्वामिनी हैं और भगवान श्रीकृष्ण वृन्दावन के स्वामी हैं, इसलिए मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण श्रीराधा-कृष्ण के आश्रय में व्यतीत हो।
5- महामायाजालं विमलवनमालं मलहरं, सुभालं गोपालं निहतशिशुपालं शशिमुखम। कलातीतं कालं गतिहतमरालं मुररिपुं ।।
भावार्थ- जिसका मायारूपी महाजाल है जिसने निर्मल वनमाला धारण किया है, जो मलका अपहरण करने वाला है, जिसका सुंदरभाल है, जो गोपाल है, शिशुवधकारी हैं, जिसका चांद सा मुखड़ा है, जो संपूर्ण कलातीत हैं, काल हैं, अपनी सुन्दर गति से हंस का भी विजय करने वाला है, मूर दैत्य का शत्रु है, अरे, उस परमानन्दकन्द गोविंद का सदैव भजन कर।।
6- ऊँ कृं कृष्णाय नम: ।।
भगवान श्रीकृष्ण के इस बीज मंत्र का एक माला जप करने से जपकर्ता के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
7- ऊँ श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपपूर्णतमाय स्वाहा।।
इस सप्तदशाक्षर महामंत्र का जप करने से आर्थिक संकट समाप्त होने लगते हैं।
8- ऊँ गोवल्लभाय स्वाहा ।।
यह दो शब्दों का मंत्र अत्यंत चमत्कारी है। इस मंत्र के जप से सारे कष्ट दूर होते हैं। वाणी मधुर होती है। सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
9- ऊँ श्री कृष्णाय नम:।।
इस बीज मंत्र का जप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है और व्यक्ति का जीवन सुखमय बन जाता है।
10- ऊँ क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम:।।
इस मंत्र के जप से सभी आर्थिक संकट दूर होने लगते हैं।
11- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।।
इस मंत्र के जप से हर प्रकार के कार्यो की सिद्धि होने लगती है।
12- ऊँ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात
इस श्रीकृष्ण गायत्री मंत्र के जप करने से जपकर्ता के एक साथ सैकड़ों कार्य सिद्धि होने लगते हैं।
13- ऊँ गोकुलनाथाय नम:।।
इस आठ अक्षरों वाले मंत्र के जप से सभी इच्छाओं की पूर्ति होने लगती है।
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Published on:
21 Aug 2019 11:51 am
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