
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार 23 और 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। कान्हा की भक्ति में पूरा संसार लीन रहता है और इनके स्वागत में कई उत्सव भी मनाए जाते हैं। चारों तरफ जन्माष्टमी की धूम देखने को मिलती है। यूं तो इस दिन व्रत उपवास किया जाता है, लेकिन रात को 12 बजे कृष्ण के जन्म का उत्सव आरती व प्रसाद बांट कर किया जाता है। पंजीरी का प्रसाद बनाया जाता है और बांटा भी जाता है। वहीं इस दिन किए गए उपायों का बहुत अधिक महत्व होता है। कहा जाता है की जन्माष्टमी की रात किया गया उपाय चारों तरफ से धन, संपदा, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
इस दिन गाय-बछड़े की नन्ही प्रतिमा घर पर लाएं, धन और संतान संबंधी चिंताएं दूर होती हैं।
मोर पंख श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन पूजन में मोरपंख जरूर रखें।
हारसिंगार, पारिजात या शैफाली के फूल श्रीकृष्ण को बहुत पसंद है। अपनी पूजन में इनका प्रयोग करें।
इस दिन चांदी की बांसुरी को लाकर कान्हा को चढ़ाएं। बाद में पूजन संपन्न होने के बाद इसे अपने पर्स में हिफाजत से रखें।
जन्माष्टमी के दिन माखन और मिश्री का भोग लगाकर 1 साल से छोटे बच्चों को अपनी अंगुली से चटाएं।
इस दिन सुंदर सुसज्जित झूला लाकर उसमें कान्हा जी बिठाएं।
कान्हा जी और बलराम जी को राखी बांधें।
श्री कृष्ण के पूजन में तुलसी का प्रयोग जरूर करें।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के नंदलाल स्वरूप का शंख में दूध डालकर अभिषेक करें।
जन्माष्टमी के दिन धार्मिक स्थान पर जाकर फल और अनाज का दान करना चाहिए।
Published on:
21 Aug 2019 10:30 am
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