कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव
जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भक्त कहीं फूलों की होली खेलते हैं तो कहीं, इत्र की सुगंन्ध का उत्सव होता है, तो कहीं दही हांडी फोड़ने का जोश देखने को मिलता है। भगवान के विग्रह पर हल्दी, दही, घी, तेल, गुलाबजल, मक्खन, केसर, कपूर आदि चढाकर लोग उसका एक दूसरे पर छिडकाव करते हैं। इस दिन मंदिरों को विशेष रुप से सजाया जाता है, भगवान कृष्ण को झूला झुलाने के साथ कहीं-कहीं तो कृष्ण की मधुर रासलीलाओं का आयोजन भी किया जाता है।
ऐसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक
जन्माष्टमी की रात में भगवान श्रीकृष्ण, लड्डू गोपाल या फिर शालिग्राम जी की सोने, चांदी, तांबा, पीतल, मिट्टी की मूर्ति बड़े या छोटे रूप में किसी चांदी के बड़े पात्र में विधिवत स्थापित करें। लड्डू गोपाल को स्थापित करने के बाद गाय के दूध, दही, शहद, या यमुना जी के पवित्र जल से अभिषेक करें। इसके अलावा पंचामृत बनाकर उससे भी अभिषेक किया जाता है। अभिषेक करते समय ऊँ कृष्णाय नमः या ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का उच्चारण करते रहे।
अभिषेक के बाद ये जरूर करें
लड्डू गोपाल जी का अभिषेक करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण को शंख में सुगंधित जल भरकर अर्घ्य देवें। अर्घ्य के बाज षोडशोपचार विधि से विशेष पूजन भी करें। इसके बाद पंचामृत में तुलसी दल डालकर व माखन मिश्री एवं धनिया की पंजीरी का भोग लगावें, कृष्ण जन्म की आरती करें। संभव हो तो श्रीमद्भागवद्गीता का पाठ अवश्य करें। उपरोक्त विधि से अभिषेक और पूजन करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होकर अपने भक्त की सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं।
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