Janmashtami Puja Vidhi Shubh Muhurat : जन्माष्टमी पर्व पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त- 24 अगस्त 2019
योगेश्वर श्रीकृष्ण
योगेश्वर श्रीकृष्ण जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु जी के एक अवतार है जिन्होंने धरती से अधर्म का अंत करने के लिए जन्म लिया था। हर साल भादो माह की अष्टमी तिथि को कृष्ण भक्त जन्माष्टमी के दिन व्रत रखकर 12 बजे भगवान का श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन हजारों श्रद्धालु दूर दूर से योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जाकर कान्हा की जन्मभूमि का दर्शन करते हैं। इसके साथ ही कुछ भक्त अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए विशेष उपाय भी करते हैं और द्वारकाधीश की कृपा के अधिकारी बनते हैं।
उपाय से पहले जन्माष्टमी के दिन ये काम करें
जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भक्त उनकी शरण में जाते हैं और अपने कष्टों के निवारण के लिए पूजा अर्चना कर प्रार्थना भी करते हैं। जन्माष्टमी के दिन व्रत उपवास रखकर विधिविधान से पूजन करें। कामना पूर्ति के लिए जन्माष्टमी का व्रत रखें एवं एक दिन पूर्व से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें। किसी कृष्ण मंदिर या घर के पूजा स्थल पर सुंदर सा पालना तैयार कर उसमें कान्हा जी के बाल स्वरूप की स्थापना करें। कान्हा जी को पंचामृत स्नान करावें, और अगर संभव हो तो षोडशोपचार विधि से पूजन भी करें, माखन मिश्री के साथ धनिया की पंजरी का भोग लगावें। विधिवत पूजन के बाद कान्हा जी की श्रद्धापूर्वक आरती भी करें।
इच्छित कामना पूर्ति के लिए ये उपाय करें
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात में विधिवत पूजा करने के बाद धन प्राप्ति के अलावा जो भी मनोकामना हो उसी भाव से नीचे दिए 3 मंत्रों का तुलसी या मोती की माला से 108+108 बार श्रद्धापूर्वक जप करें। जप करते समय गाय के घी का दीपक जलता रहे और बैठने के लिए केवल कुशा या पीले रंग के आसन का ही प्रयोग करें। इस उपाय को करने से भगवान द्वारकाधीश की कृपा से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो जायेगी।
1- ।। ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा ।।
2- ।। क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः ।।
3- ।। ॐ हुं ह्रीं सः कृष्णाय नम: ।।
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