
माघ जया एकादशी आज : व्रत, पूजा के लाभ और नियम
आज 5 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी व्रत तिथि है। अन्य एकादशी तिथियों की अपेक्षा इस एकादशी को शास्त्रों में अधिक फलदायी बताया गया है। इस दिन श्रद्धा भाव से व्रत रखकर विधि पूर्वक पूजा-पाठ करने से व्रती की अनेक कामनाएं पूरी हो जाती है। जया एकादशी के दिन फलहारी व्रत रखा जा सकता है। इस दिन भगवान विष्णु पूजा आराधना के साथ कामना पूर्ति के लिए विष्णु मंत्रों का 108 बार जप सुबह शाम तुलसी की माला से जरूर करना चाहिए।
जया एकादशी व्रत पूजा विधान
1- जया एकादशी के दिन प्रातः उठकर स्नानादि के बाद सूर्य को अर्घ्य दें, और भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप की पूजा आराधना करें।
2- भगवान विष्णु को पीले फूल, पंचामृत तथा तुलसी दल एवं ऋतुफल भी अर्पित करें।
3- पूजन के बाद भगवान श्री विष्णु जी के स्वरूप का ध्यान करें और उनके बीज मंत्रों का जप करें।
4- जया एकादशी के दिन पूर्ण रूप से जलीय आहार लें, फलाहार लेने में भी कोई दोष नहीं माना गया हैं, दोनों ही स्थिति में इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलते हैं।
5- इस दिन मन ही मन इष्ट मंत्रों का जप करें, तथा न ही तो क्रोध करें और न ही झूठ बोले।
जया एकादशी के दिन इन कामों करने से बचना चाहिए-
1- जुआ खेलना- एकादशी तिथि को जुआ नहीं खेलना चाहिए, ऐसा करने से वंश का नाश हो जाता है।
2- पान खाना- एकादशी तिथि को पान खाना भी वर्जित माना गया है, पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।
3 - दूसरों की बुराई से बचना- एकादशी तिथि को दूसरों की बुराई नहीं करना चाहिए। इस दिन परनिंदा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं।
4- चोरी करना- एकादशी तिथि को चोरी करने से चोरी करने वाली 7 पीढ़ियों को उसका पाप लगता है।
5- स्त्रीसंग- एकादशी तिथि को स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। इसलिए इस दिन स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।
6- क्रोध- एकादशी तिथि को क्रोध भी नहीं करना चाहिए। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।
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Published on:
05 Feb 2020 09:49 am
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