scriptमाघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास | Magh Mauni Amavasya Mahatva 24 January 20 | Patrika News

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

locationभोपालPublished: Jan 23, 2020 10:40:32 am

Submitted by:

Shyam

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

24 जनवरी दिन शुक्रवार को माघ मास की अमावस्या तिथि है जिसे मौनी अमावस्या व योग पर आधारित महाव्रत भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में स्वर्ग के देवी-देवताओं भी स्नान करने के लिए गंगा में आते हैं। माघ मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखकर प्रयागराज तीर्थ त्रिवेणी संगम में डुबकी अथवा काशी में दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान करने अथाह पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

प्राचीन धार्मिक कथा

हिन्दू धर्म शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि माघ अमावस्या पर संगम में स्नान का महत्व समुद्र मंथन से है। कथानुसार जब समुद्र मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस समय देवताओं एवं असुरों में अमृत कलश के लिए विवाद होने लगा और इसी बीच अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें छलक कर इलाहाबाद, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन आदि नगरों गिर गई। इसी कारण इन स्थानों पर कुंभ मेला का आयोजन भी होने लगा जिसके लाखों की संख्या में साधु-संत, श्रद्धालु भाग लेकर पवित्र स्थान भी करने लगे। माना जाता है कुंभ मेले के अतिरिक्त माघ माह की अमावस्या तिथि पर यहां स्नान करने से अमृत पुण्य की प्राप्ति होती है।

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

स्नान का महत्व

शास्त्रों के अनुसार अगर माघ मास की अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है तो इसका महत्व हजारों गुणा अधिक बढ़ जाता है। साथ ही इस दौरान एगर महाकुम्भ लगा हो तब इसका महत्व अनन्त गुणा हो जाता है। हिंदू शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि सतयुग में जो पुण्य तप से मिलता है, द्वापर में हरि भक्ति से, त्रेता में ज्ञान से, कलियुग में दान से, लेकिन माघ मास में संगम स्नान हर युग में अन्नंत पुण्यदायी होगा। इस तिथि को पवित्र नदियों में स्नान के बाद सामर्थनुसार अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान जरूरमंद लोगों को देना चाहिए।

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास

मौन के लाभ

माघ मौनी अमावस्या के दिन तिल दान भी उत्तम कहा गया है और इस तिथि को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पूरे समय मौन व्रत रखकर अपने ईष्ट देव के मंत्रों का मानसिक जप करना चाहिए। माघ अमावस्या तिथि के दिन भगवान विष्णु और शिव जी दोनों की पूजा के साथ इनके मंत्रों का जप भी करना चाहिए। मंत्र जप के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देने से अनेक कामनाएं भी पूरी होने लगती है।

***************

माघ अमावस्या को देवता भी आते हैं धरती पर, जानें क्यों है ये अमावस्या सबसे खास
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो