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महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ा दें ये एक चीज, मिल जाएगा सबकुछ

घर में बेलपत्र का पेड़ लगाने से मिलता है अक्षय पुण्य

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Feb 10, 2020

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ा दें ये एक चीज, मिल जाएगा सबकुछ

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भगवान शिव को अगर आप हर रोज बेलपत्र चढ़ाने में असमर्थ्य हैं तो महाशिवरात्रि, सावन के महीने या फिर प्रदोष व्रत के दिन जरुर चढ़ाएं। क्योंकि भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है और बेलपत्र चढ़ाने से बहुत पुण्य प्राप्त तो होता ही है, साथ ही साथ समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है।

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यदि किसी कारणवश बेलपत्र उपलब्ध न हो तो स्वर्ण, रजत, ताम्र के बेलपत्र बनाकर उनका पूजान करें। इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी, शुक्रवार के दिन पड़ रही है। इसलिये महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बेलपत्र जरुर चढ़ाएं। आपके लिये बहुत लाभकारी होगा और विशेष फल पाने में आपकी मदद करेगा। आइए जानते हैं बिलपत्र का महत्व....

माना जाता है कि बेलपत्र के पेड़ की जड़ों में महादेव का वास है और इसलिये इसे श्रीवृक्ष भी बोलते हैं। बेलपत्र की तीन पत्तियां एक साथ होना त्रिदेव का रूप मानी जाती है। बेलपत्र को लेकर किंवदंती है कि एक बार पार्वती ने अपनी उंगलियों से अपने ललाट पर आया पसीना पोछकर फेंक दिया। उनके पसीने की कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं। उसी से बेलवृक्ष उत्पन्न हुआ। इसके ज्यादातर पेड़ों को मंदिरों के आसपास ही लगाया जाता है।

घर में बेलपत्र का पेड़ लगाने से मिलता है अक्षय पुण्य

शिवपुराण में वर्णित है कि घर पर बेल का वृक्ष लगाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि जिस स्थान पर यह पौधा या वृक्ष होता है, वह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थल हो जाता है। इसका प्रभाव यह होता है कि घर का हर सदस्य यशस्वी तथा तेजस्वी बनता है। साथ ही ऐसे परिवार में सभी सदस्यों के बीच प्रेम भाव रहता है। घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।

बेलपत्र तोड़ने या चढ़ाने से पहने इन नियमों का करें पालन

- लिंगपुराण के अनुसार बिल्वपत्र को तोड़ने के लिए चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्रांति काल एवं सोमवार को निषिद्ध माना गया है। इस दिन बिल्वपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।

- बेलपत्र तोड़ने के नियमों को ध्यान में रखते हुए पूजा करना ही श्रेष्ठ होता है। टूटे हुए बेलपत्र यदि अच्छी अवस्था में हों तो एक से अधिक बार भी शिवपूजा में उपयोग किए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि बेलपत्र सूखे और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में न हों।

- शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से पहले पत्तियों पर चंदन या अष्टगंध से ॐ, शिव पंचाक्षर मंत्र या शिव नाम लिखकर चढ़ायें। इससे व्यक्ति की दुर्लभ कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।