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Mahashivratri : महाशिवरात्रि के दिन इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का लाभ केवल इनको ही मिलता है

आज के दिन ज्योतिर्लिंग दर्शन का लाभ केवल इनको ही मिल पाता है

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भोपाल

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Shyam Kishor

Feb 21, 2020

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आज महाशिवरात्रि का महापर्व हैं, इस दिन शिव भक्त देश भर में स्थापित सिद्ध अनेक शिवालयों के दर्शन, पूजन करने जाते हैं। लेकिन शास्त्रों मान्यता है कि शिवजी के सभी शिवलायों में सबसे प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग शिवालय माने जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन केवल उन शिव भक्तों को ही इनमें से किसी भी एक के भी दर्शन का लाभ मिलता है, जिनमें कई जन्मों के पुण्य का उदय होता है और ऐसे शिव भक्तों का मनुष्य जीवन सफल माना जाता है।

1- सोमनाथ मंदिर गुजरात- ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र में श्री ‘सोमनाथ’ ज्योतिर्लिंग के रूप में महादेव शिवजी विराजमान है। यह स्थान काठियावाड़ के प्रभास क्षेत्र में है। गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ के मंदिर का सबसे शुभ और सुंदर ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

2- श्रीमल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश- आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के रूप में महादेव कैलाश विराजमान हैं। इसे दक्षिण भारत का कैलाश कहते हैं। श्रीमल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर एक खूबसूरती से मूर्ति मंदिर, वास्तुकला और डिजाइन में समृद्ध है। यहां शक्ति पीठ और ज्योतिर्लिंग एक साथ इस मंदिर में हैं।

3- उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश- ज्योतिर्लिंग महाकाल या ‘महाकालेश्वर’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन नगर में हैं। यहाँ पर भगवान महाकालेश्वर का भव्य ज्योतिर्लिंग विद्यमान है। उज्जैन का महाकालेश्वर “स्वयंभू मूर्ती एक चबुतरेपर” माना जाता है।

4- ममलेश्वर ओंकारेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश- ज्योतिर्लिंग ‘ओंकारेश्वर’ या ममलेश्वर हैं। यह स्थान भी मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर नर्मदा नदी के तट पर स्थापित है। यह मंदिर हिन्दू भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह मंदिर कुंण्डली ओंकारेश्वर मंदिर मां नर्मदा के तट पर स्थित है।

5- केदारेश्वर’ केदारनाथ उत्तराखंड- यह ज्योतिर्लिंग हिमालय की चोटी पर विराजमान श्री ‘केदारनाथ’ के रूप में विराजमान हैं। श्री केदारनाथ को ‘केदारेश्वर’ भी कहा जाता है। उत्तराखंड की खूबसूरत घाटी में स्थित, केदारनाथ भगवान शिव का पवित्र कैलाश पर्वत पर निवास करने के लिए निकटतम मंदिर है। यह चार धाम यात्रा, हिंदू धर्म में प्रसिद्ध का हिस्सा है।

6- काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी- काशी में विराजमान भूतभावन भगवान श्री ‘विश्वनाथ’ ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। कहते हैं, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है। वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित मंदिर हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र तीर्थ माना जाता है। यह पश्चिमी पवित्र नदी गंगा के तट पर स्थित है।

7- भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र- इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘भीमशंकर’ है, जो डाकिनी पर विराजमान है। यह स्थान महाराष्ट्र में मुम्बई से पूरब तथा पूना से उत्तर की ओर स्थित भीमा नदी के किनारे सहयाद्रि पर्वत पर हैं। इस तीर्थ स्थल के आसपास सबसे सुंदर घने जंगलों और वन्य जीवों से घिरा हुआ।

8- त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र- इस ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में पंचवटी से लगभग अठारह मील की दूरी पर ब्रह्मगिरि के पास गोदावरी नदी कें किनारे स्थापित है। यह भगवान शिव के पवित्र मंदिरों में से एक है।

9- नागेश्वर मंदिर महाराष्ट्र- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के समीप जिसे दारूकावन भी कहा जाता है। कुछ लोग दक्षिण हैदराबाद के औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग का नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं, तो कोई-कोई उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित जागेश्वर शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग कहते हैं। इसके अलावा भी महाराष्ट्र में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का शिव पुराण में उल्लेख किया गया है।

10- वैद्यनाथ मंदिर- यह ज्योतिर्लिंग ‘वैद्यनाथ’ झारखण्ड राज्य के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप स्थापित है। पुराणों में इस जगह को चिताभूमि कहा गया है। इसके अलावा भी एक और वैधनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर बचतगट, महाराष्ट्र में बाबा वैद्यनाथ धाम के रूप में स्थापित हैं।

11- रामेश्वरम तमिलनाडु- यह ज्योतिर्लिंग श्री ‘रामेश्वर’ हैं। रामेश्वरतीर्थ जिसे सेतुबन्ध तीर्थ कहा जाता है। यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है। यहाँ समुद्र के किनारे भगवान श्री रामेश्वरम का विशाल मन्दिर शोभित है। यह माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने ही इस ज्योतिर्लिंग की स्वंय स्थापना की थी।

12- घृष्णेश्वर’ ज्योतिर्लिंग- इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘घुश्मेश्वर’ है, इन्हें ‘घृष्णेश्वर’ के नाम से पुकारता है। यह स्थान महाराष्ट्र में औरगांबाद के ‘बेरूलठ गाँव के पास स्थापित है। इसके अलावा भी इसी नाम घृष्णेश्वर’ ज्योतिर्लिंग से एक और ज्योतिर्लिंग राजस्थान राज्य में प्रसिद्ध रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के पास देवगिरि पर्वत से युक्त है।

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