scriptMahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक | Mahavir Jayanti : Monday 6 April 2020 | Patrika News

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

locationभोपालPublished: Apr 05, 2020 11:00:44 am

Submitted by:

Shyam

भगवान महावीर जयंती 6 अप्रैल सोमवार को हैं

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान महावीर स्वामी की जन्म जंयती मनाई जाती है। भगवान महावीर स्वामी का जन्म जैन धर्म में लगभग 599 ईसा पूर्व हुआ था। भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थकर धर्मगुरु माने जाते हैं। इस साल 2020 में महावीर जयंती पर्व 6 अप्रैल दिन सोमवार को मनाया जाएगा। जानें प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर भगवान महावीर की प्रतिमा का अभिषेक कुएं के ताजे जल से ही क्यों किया जाता है।

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

जैन धर्म में महावीर भगवान के 5 प्रमुख नाम माने गये हैं-

1- वीर, 2- अतिवीर, 3- सन्मति, 4- वर्धमान, 5- महावीर।

भगवान महावीर स्वामी के अथक प्रयासों से उनके जीवन काल में ही जैन धर्म, कौशल, विदेह, मगध, अंग, काशी, मिथला आदि राज्यों में लोकप्रिय हो गया था। मौर्यवंश व गुप्त वंश के शासनकाल के मध्य में जैन धर्म पूर्व में उड़िसा से लेकर पश्चिम में मथुरा तक फैला था। भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष जाने के लगभग दो सौ साल बाद जैन धर्म मुख्यतः दो सम्प्रदाय में बंट गया-

1- दिगम्बर जैन- दिगम्बर जैन मुनियों के लिये नग्न रहना आवश्यक माना जाता है।

2- श्वेताम्बर जैन- श्वेताम्बर जैन मुनि श्वेत वस्त्र धारण करते हैं।

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

श्वेताम्बर जैन मुनि सफेद वस्त्र धारण करते हैं जबकि दिगम्बर जैन मुनियों के लिये नग्न रहना आवश्यक है। अहिंसा का सिद्धान्त जैन धर्म की मुख्य देन है। महावीर स्वामी ने पशु-पक्षी तथा पेङ-पौधे तक की हत्या न करने का अनुरोध किया। अहिंसा की शिक्षा से ही समस्त देश में दया को ही धर्म प्रधान अंग माना जाता है। जैन धर्म में कुल 24 तीर्थकंरों का उल्लेख मिलता है जो इस प्रकार है-

 

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

जैन धर्म के 24 तीर्थकंरों के नाम-

1- ऋषभदेव, 2- अजितनाथ, 3- सम्भवनाथ, 4- अभिनन्दन, 5- सुमतिनाथ, 6- पद्मप्रभु, 7- सुपार्श्वनाथ, 8- चन्द्रप्रभु, 9- पुष्पदंत 10- शीतलनाथ, 11- श्रेयांशनाथ, 12- वासुपुज्य, 13- विमलनाथ, 14- अनन्तनाथ, 15- धर्मनाथ, 16- शान्तिनाथ, 17- कुन्थनाथ, 18- अरहनाथ, 19- मल्लिनाथ, 20- मुनि सुब्रत, 21- नमिनाथ, 22- नेमिनाथ, 23- पार्श्वनाथ, 24- महावीर स्वामी।

Mahavir Jayanti 2020 : जानें कुंए के ताजे जल से भगवान महावीर स्वामी का क्यों किया जाता है अभिषेक

इसलिए किया जाता कुंए के ताजे जल से अभिषेक

भगवान महावीर के जन्मोत्सव यानी चैत्र मास की त्रयोदशी तिथि पर जैन धर्म के श्रद्धालु महावीर स्वामी की प्रतिमा का कुंए के ताजे शुद्धजल गर्म करके भगवान महावीर का अभिषेक किया जाता है। इस तरह अभिषेक करने के पीछे भाव यह रहता है कि भगवान महावीर सबका कल्याण करें। अभिषेक करने के बाद विशेष पूजन और श्री महावीर चालीसा का पाठ किया जाता है, भगवान महावीर को प्रभात फेरी के रूप में नगर भ्रमण भी कराया जाता है।

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