scriptNag Panchami 2021: आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं, ऐसे पहचानें | Nag panchami date 2021 puja vidhi and some special | Patrika News

Nag Panchami 2021: आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं, ऐसे पहचानें

locationभोपालPublished: Aug 12, 2021 08:03:36 pm

कालसर्प से पीड़ित व्यक्तियों के लक्षण

nag panchami 2021

nag panchami

हिंदुओं के प्रमुख पर्वों में से एक नागपंचमी हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आती है। ये दिन मुख्य रूप से नागों की पूजा का माना जाता है। वहीं इस दिन को कालसर्प दोष से छुटकारे के लिए भी खास माना जाता है। ऐसे में हर कोई घसर बैठे जानना चाहता है कि उसी कुुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं।

इस संंबंध में ज्योतिष के जानकार व पंडित एके शुक्ला कहते हैं कि कालसर्प से पीड़ित व्यक्तियों में कई ऐसे लक्षण साफ दिखाई देते हैं जो इशारा करते हैं कि उनकी कुंडली मे ये दोष विद्यमान है या नहीं। दरअसल, माना जाता है कि जिस भी जातक की कुुंडली में कालसर्प होता है, उन्हें जिंदगी भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

naglok-mp.jpg

: ऐसे में यह भी संभव है कि ऐसा जातक मेहनत ज्यादा करता हो, लेकिन उसे नतीजे उस हिसाब से नहीं मिल पाते।

: इसके अलावा सामान्यत: ऐसे जातकों को या तो संतान की प्राप्ति ही नहीं होती या अगर होती भी है तो उसके विकास पर असर पड़ता है। माना जाता है कि इस दोष के प्रभाव से जातक का वैवाहिक जीवन भी अस्त-व्यस्त रहता है और खराब स्वास्थ्य भी उसे लगातार परेशान करता रहता है। इसके अलावा सपने में बार-बार सर्प या नाग-नागिन का दिखना भी कालसर्प योग का लक्षण है।

Must Read- नागपंचमी 2021 कब है? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

नागपंचमी : कालसर्प दोष ऐसे करें दूर
जानकारों की मानें तो कुंडली में कालसर्प दोष व्यक्ति को जीवन में काफी दिक्कते देता है ऐसे में इससे छुटकारे के लिए जातक को नाग पंचमी के दिन पूजा करनी चाहिए। उसे इस दिन नाग देवता की पूजा करने के साथ ही ऊं नम: शिवाय का जाप भी करना चाहिए।

वहीं माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष के असर में कमी आती है। साथ ही कालसर्प दोष वाले व्यक्ति द्वारा हर रोज भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा श्रेष्ठ माना गया है।

Must read- नागपंचमी 2021: यहां है नागलोक

nag panchami mantra

इसके अलावा कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सोमवार के दिन शिव मंदिर में सवा लाख बार ‘ओम नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करने के बाद शिवलिंग का रूद्राभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है। साथ ही चांदी के नाग-नागिन का शिवलिंग पर अर्पित करने के अलावा नाग स्तोत्र का पाठ भी खास माना गया है।

कालसर्प दोष: स्वयं घर पर ऐसे करें पूजा
1- कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को हर सोमवार केदिन ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे सादे जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर धुले हुए सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

2- फिर घर में यदि शिवलिंग हो तो उनका लेकिन न हों तो मिट्टी का छोटा सी शिवलिंग बनाकर, इस मंत्र से स्थापना करने के पश्चात आवाहन करें ।

Must Read- नागपंचमी कब है? जानें पूजा मुहूर्त और इस दिन का महत्व

shiv stapna mantra

4- इसके बाद शिवलिंग पर भगवान श्रीराम के नाम का उच्चारण करते हुए 11 साबुत चावल के दाने अर्पित करें ।

5- इस दौरान मन ही मन यानि चावल अर्पित के दौरान अपनी विशेष इच्छा का भी स्मरण करते रहें ।

6- माना जाता है कि ऐसा लगातार 11 सोमवार तक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। ध्यान रहे कि इन सभी सोमवार को पूजा का समय एक ही होना चाहिए, यानि समय में बदलाव नहीं होना हैं ।

7- इसके अलावा किसी भी एक निश्चित प्राचीन शिवलिंग के ऊपर लगातार 11 सोमवार तक एक निश्चित समय व स्थान पर एक मुट्ठी साबुत गेंहू, एक गीला नारियल व एक सिक्का ये सब सामग्री भगवान श्रीराम के नाम मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्पित करनी चाहिए ।

8- जो सिक्का प्रथम सोमवार को लिया है उतने ही मूल्य वाला वैसा ही सिक्का हर बार लेना है, अगर पहले सोमवार को 5 रूपये का सिक्का लिया था तो हर सोमवार को भी 52 रूपये का ही लेना हैं, यानि किसी भी सोमवार को सिक्के में बदलाव न करें ।

9- सबसे पहले शिवलिंग पर गेंहू को अर्पण करें, फिर नारियल के बाद उस पर एक सिक्का रखते हुए अर्पण करें । इस पूरी क्रिया के दौरान श्री राम नाम का जप निरंतर करते रहें। लगातार 11 सोमवार तक यह करते रहें।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो