8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राधाष्टमी महापर्व : पूजन एवं महत्व 6 सितंबर 2019

Radhastami 2019 : देवी राधा जी का जन्मोत्सव राधाष्टमी महापर्व के रूप में 6 सितंबर 2019 दिन शुक्रवार को बरसाना सहित अनेक स्थानों पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Sep 05, 2019

Radhastami 2019

राधाष्टमी महापर्व : पूजन एवं महत्व 6 सितंबर 2019

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि एवं उनके जन्म के ठीक 15 दिन बाद उनकी सबसे प्रिय सखी देवी राधा जी का जन्म भी भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ था। राधा जी का जन्मोत्सव राधाष्टमी महापर्व के रूप में मनाया जाता है। साल 2019 में यह पर्व 6 सितंबर 2019 दिन शुक्रवार को है। जानें राधाष्टमी पर्व पूजन एवं महत्व।

देवी राधा रानी का जन्मोत्सव राधाष्टमी महापर्व के रूप में बरसाना सहित देश के अनेक हिस्सों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन रात और दिन पूरे बरसाना में अलग ही तरह का माहौल रहता है। राधा जी के भक्त बरसाना की सबसे ऊंची पहाडी़ गहवर वन की परिक्रमा करते हैं। इस दिन राधा कृष्ण के सुमधुर गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहता है।

ऐसे करें राधाष्टमी पर्व पूजन

सबसे पहले श्रद्धालु भक्त 6 सितंबर गुरुवार को राधाष्टमी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर इस दिन वृत रखने का संकल्प लें। देवी राधा-कृष्ण मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल देवी राधा जी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान करावें, फिर शुद्ध जल से स्नान करावें एवं राधा रानी का सोलह श्रृंगार भी करें। श्रृंगार के बाद षोडशोपचार पूजन करें, पीत या नील वर्ण के फूलों की माला पहनावें एवं विशेष पदार्थों का भोग लगावें। इस दिन राधाजी को 27 पेड़ों की पत्तियों एवं 27 ही कुंओं के जल से पूजन करने का विधान है।

राधा जी के जन्मोत्सव राधाष्टमी के दिन ब्रज एवं बरसाना में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही राधाष्टमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है। राधाष्टमी के महापर्व कृष्ण जन्म भूमि मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, रावल और मांट के श्रीराधा मंदिरों बहुत ही हर्षोल्लास से मनाते हैं।

राधाष्टमी महापर्व के दिन हल्दी मिश्रित दही को श्रद्धालु भक्त एक-दूसरे पर उड़ेलते हैं, नाचते, गाते, झूमने, हुए उत्सव मनाते हैं। पर्व पूजन संपन्न होने के बाद देवी राधा रानी की आरती करते हैं, साथ ही राधा जी को लगाया हुआ भोग प्रसाद सभी श्रद्धालुओं में बांटते हैं। इस तरह बरसाना के अलावा देश के अन्य शहरों में भी राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है।

********