scriptइस रात को 100 बार करना होगा यह काम, आंखों से उतर जाएगा चश्मा! | Sharad Purnima 2019: do these tips on purnima | Patrika News

इस रात को 100 बार करना होगा यह काम, आंखों से उतर जाएगा चश्मा!

locationभोपालPublished: Oct 09, 2019 10:45:56 am

Submitted by:

Devendra Kashyap

शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं के प्रदर्शन करते हुए दिखाई देता है।

Sharad Purnima 2019
शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसके अलावा पूजा-अनुष्ठान के लिए यह दिन सर्वश्रेष्ठ है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं के प्रदर्शन करते हुए दिखाई देता है।

मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को धन की देवी माता लक्ष्मी जी स्वर्ग लोक से धरती पर आती हैं। कहा जाता है कि इस दिन जो भी माता लक्ष्मी की पूजा-पाठ करता है, उसके ऊपर लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।

मान्यताओं के अनुसार इस दिन चांदनी रात में चंद्रमा की रोशनी में 100 बार सूई में धागा डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और इससे आंखें भी स्वस्थ रहती हैं।


शरद पूर्णिमा की रात में दूध और चावल की खीर बनाकर उसे चांद की रोशनी में रखने का महत्व है। माना जाता है कि खीर में चांद की रोशनी को अवशोषित करने की क्षमता अधिक होती है। धार्मिक आस्था है कि इस दिन चांदनी के साथ ही अमृत वर्षा होती है, इसलिए चांद की शीतल रोशनी में रखी गई खीर सेहत के लिए अच्छी होती है।

शरद पूर्णिमा को धन की देवी लक्ष्मी का जन्मदिन माना जाता है। इसलिए इस दिन को धन प्राप्ति की दृष्टि से और घर में समृद्धि लाने की दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है। आस्था है कि शरद पूर्णिमा और देवी लक्ष्मी दोनों ही उज्जवल हैं। इसलिए इस रात में जागकर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

शरद पूर्णिमा को वर्षा ऋतु की समाप्ति के लिए प्रकृति के संकेत के तौर पर भी माना जाता है। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा का आना बताता है कि चतुर्मास चले गए हैं और अब धार्मिक अनुष्ठानों को मनाने का समय आ गया है।

मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब होता है, इसलिए उसकी रोशनी बाकी रातों की अपेक्षा अधिक उज्जवल होती है। इसकी शीतलता से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
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