शास्त्रों में माता दुर्गा महागौरी के इन मंत्रों को गुप्त और अति चमत्कारी महामंत्र बताये गए है, जिनका जप करने से सभी प्रकार की ऋदि-सिद्धि प्राप्त होने लगती है। नवरात्रि काल में अष्टमी तिथि की रात में इन शक्तिशाली मंत्रों का निर्धारित संख्या में जप करने के बाद एक बार श्री दुर्गाशप्ती का पाठ भी करना चाहिए। नीचे दिए गए किसी भी एक मंत्र का चयन कर रात में 9 बजे से लेकर 12 बजे तक गाय के घी का दीपक जालकर, माता महागौरी का विधिवत आवाहन पूजन कर, कुल मंत्र जप तीन हजार जपने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और मंत्र सिद्ध होने पर माता महागौरी प्रसन्न होकर सभी कामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद देती है।
मां दुर्गा के सिद्ध चमत्कारी मंत्र
1- ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः ।
2- “ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे।
3- सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
3- धन प्राप्ति की विशेष कामना से इस मंत्र का जप करें।
मंत्र-
ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:, स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ॥
4- ज्ञात-अज्ञात पाप कर्मों के दुष्फल से बचने के लिए अष्टमी तिथि को इस मंत्र का एक हजार बार जप करने सभी प्रकार के पापों के दुष्फल नष्ट हो जाते हैं ।
मंत्र
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव ॥
उपरोक्त मंत्रों का जप पूरा होने के बाद जिस मंत्र का जप किया था, दूसरे दिन नवमी तिथि को सुबह 4 बजे से लेकर 8 बजे के बीच उसी जप किए मंत्र से 251 बार गाय के घी में शहद मिलाकर हवन यज्ञ करें। हवन के बाद 5 छोटी कन्याओं को भोजन भी खिलावें। ऐसा करने से जपकर्ता की एक साथ सैकड़ों कामनाएं पूरी हो जाती है।
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