scriptबुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन | Shiv Puja for Wednesday Pradosh Vrat : 20 May 2020 | Patrika News

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

locationभोपालPublished: May 19, 2020 01:15:13 pm

Submitted by:

Shyam

बुधवारी प्रदोष

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

20 मई दिन बुधवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, इस तिथि प्रदोष कहा जाता है। शिव महापुराण के अनुसार, प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव का विशेष पूजन अर्चन करने से अनेक मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस दिन बुधवार का दिन होने यह बुधवारी प्रदोष कहलाता है। शिवजी के साथ गणेश जी का पूजन भी इस दिन करना चाहिए।

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20 मई को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि बुधवारी प्रदोष व्रत का दिन है। इस दिन व्रत करने वाले को विद्या बुद्धि की प्राप्ति के साथ भगवान शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष के दिन शंकर जी की पूजा आराधना करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर व्रती के जीवन की गंभीर से गंभीर समस्याओं को दूर कर देते हैं। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अन्य व्रतों में पहला स्थान प्राप्त है।

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

ऐसी मान्यता हैं कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियों के कारण किसी भी तरह की तरक्की नहीं हो पा रही हो तो बुधवारी प्रदोष के दिन उपवास रखकर सुबह के समय श्री गणेश जी की एवं प्रदोष काल सूर्यास्त के समय भगवान शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करने बाद मीठे जल से शिवलिंग अभिषेक करने से परेशानियों का अंत होने लगता है और अनेक कामनाओं की पूर्ति भी होने लगती है।

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

ऐसी मान्यता है कि प्रदोष का व्रत रखने वालें को 2 गायों के दान करने के बराबर पुण्यफल मिलता है। प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती है की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर आयेगा, अन्याय और अनाचार अपना चरम सीमा पर होगा, व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर छुद्र कार्यों में आनंद लेगा, और इस कारण ऐसे लोग जो पाप के भागी बनेंगे, अगर वे प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेगा उसके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं औऱ उत्तम लोक की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बुध प्रदोष- गोधूली बेला में ऐसे करें भगवान शंकर का पूजन

प्रदोष व्रत रखने के साथ करें यह उपाय-

1- जीवन के सभी पापों के नाश के लिए 17 अप्रैल बुधवारी प्रदोष व्रत अवश्य करें।

2- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिवमंदिर में जाकर 251 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।

4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।

5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।

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