लेकिन यह हर बार पितृ पक्ष के ठीक अगले दिन से शुरु हो जाती थीं, परंतु इस बार ठीक पितृ पक्ष के अगले दिन से ही पुरुषोत्तम मास लग गया जिसके चलते नवारात्रि पितृ पक्ष के ठीक अगले दिन से शुरु होने की जगह करीब एक माह देरी से शुरु होने जा रही है।
इस बार की शारदीय नवरात्रि पर बात करें तो पर्व साल 2020 वर्ष में 17 से लेकर 25 अक्टूबर तक चलेंगे। वहीं सनातन धर्म में चारों नवरात्रों का अपना-अपना अलग महत्व है। इस दौरान देवी दुर्गा की अराधना की जाती है। मान्यता है नवरात्रों के नौ दिनों में देवी के विभिन्न 9 ही रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक शास्त्रों के साथ-साथ ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी नवरात्रों से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं।
वास्तु की जानकार रचना मिश्रा के अनुसार नवरात्रि के दौरान वास्तु से जुड़ी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
: नवरात्रों के दौरान जो लोग अपने घर में देवी की प्रतिमा को स्थापित करतें हैं, ऐसे में उन्हें इस बात का खास धन रखना चाहिए कि इसके लिए आपका घर आदि पूरी तरह से स्वच्छ होना चाहिए। इसके अलावा घर से आलतू-फालतू सामान को बाहर निकाल दें। कोशिश करें कि पूरे 9 दिन घर में सुंगधित धूप-दीप से वातावरण अच्छा बना रहे। गलती से भी इन नौ दिन में घर में व पूजा स्थल पर किसी तरह के गंदगी न फैलाएं।
: नवरात्रों में नौ दिन मां के उपवास रखने वाले लोग इस दौरान अगर मंदिर में पताका यानि झंडा चढ़ाएं तो इसे उत्तर-पश्चिम में लगाएं। इसके अलावा घर के पूजा स्थल में देवी दुर्गा की प्रतिमा हमेशा दक्षिणामुखी होनी चाहिए। बता दें वास्तु शास्त्र में घर के पूजा स्थल से जुड़े अन्य कई नियम बताए हैं, जिसके अनुसार पूजा से समय जातक का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग नवरात्रों में पूरे नौ दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष अखंड ज्योति रखें, ध्यान रहे इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में जलाएं। जो कलश पूजा में इस्तेमाल हो उसे लकड़ी के पटले पर रखें। पूजा में पहले हल्दी या फिर कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह लगाएं। मान्यता है इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
: इन सभी बातों के अतिरिक्त इस बात का भी खास ध्यान रखें कि देवी दुर्गा की पूजा में रंगों का अधिक महत्व है। इसलिए नवरात्रों में होने वाली सजावट का खास ध्यान रखें। वहां पर सफेद, हल्का पीला, हरा आदि जैसे हल्के रंगों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें और इनकी पूजा में खास रूप से लाल रंग के ताजे फूलों का इस्तेमाल करें।