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शुरू हो गया ओणम का त्यौहार : 13 सितंबर तक रहेगी धूम

thiruvonam Onam festival 2019 : शुरू हो गया ओणम का त्यौहार : 13 सितंबर तक रहेगी धूम, जानें ओणम की कथा।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Sep 02, 2019

thiruvonam Onam festival 2019 : onam 2019 malayalam calendar

शुरू हो गया ओणम का त्यौहार : 13 सितंबर तक रहेगी धूम

ओणम का त्यौहार हो गया शूरु 1 सितंबर से लेकर 13 सितंबर तक यह पर्व केरल राज्य सहित देश विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाएगा। कहा जाता है कि केरल राज्य में जब कई नई फसलें खेतों में पक कर तैयार हो जाती हैं, उसी की खुशी में 10 दिनों तक मनाया जाता हैं ओणम का त्यौहार। केरल राज्य का सबसे प्रमुख और प्रचलित त्यौहार ओणम का त्यौहार हैं जिसे केरल के अलावा देश ही नहीं दूनियां में जहां जहां इससे जुड़े हुए लोग रहते हैं वे पूरे हर्षोल्लाष से मनाते हैं।

थिरूवोनम ओणम पर बनते 64 तरह के पकवान, जानें ओणम त्यौहार मनाने का रहस्य

मलयालम सोलर कैलेंडर के अनुसार चिंगम महीने में मनाया जाता है, यह मलयालम कैलेंडर का पहला महिना होता जो, ज्यादातर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितम्बर माह में आता है। जब थिरूवोनम नक्षत्र महीने में आता हैं उसी दिन ओणम का त्यौहार मनाया जाता है। थिरूवोनम नक्षत्र को हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रवना कहा जाता है। इस बार साल 2019 में ओणम 1 सितंबर दिन रविवार से शुरू होकर 13 सितंबर दिन सोमवार तक चलेगा। 10 दिन तक चलने वाले इस त्यौहार में थिरूवोनम का दिन सबसे महत्तवपूर्ण होता है।

ओणम त्यौहार के 10 दिन

1- अथं- पहला दिन होता है, जब राजा महाबली पाताल से केरल जाने की तैयारी करते हैं।
2- चिथिरा- फूला कालीन जिसे पूक्क्लम कहते, बनाना शुरू करते हैं।
3- चोधी- पूक्क्लम में 4-5 तरह के फूलों से अगली लेयर बनाते हैं।
4- विशाकम- इस दिन से तरह तरह की प्रतियोगितायें शुरू हो जाती है।
5- अनिज्हम- इस दिन नाव की रेस की तैयारी होती है।
6- थ्रिकेता- छुट्टिया शूरू हो जाती है।
7- मूलम- इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा शुरू हो जाती है।
8- पूरादम- इस दिन महाबली और वामन की प्रतिमा घर में स्थापित की जाती है।
9- उठ्रादोम- इस दिन महाबली केरल में प्रवेश करते हैं।
10- थिरूवोनम- यह मुख्य त्यौहार होता हैं।

प्रचलित एक कथा के अनुसार राजा महाबली ने भगवान विष्णु से अपनी प्रजा से साल में केवल एक बार मिलने की अनुमति मांगी थी, और भगवान की अनुमति मिलने पर राजा महाबली अपनी को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। इसलिए ओणम का त्यौहार राजा महाबली की याद में मनाया जाता है।

इसलिए मनाते हैं ओणम

ओणम का अर्थ श्रावण होता है इस त्यौहार को श्रावण माह में केरल राज्य में चाय, अदरक, इलायची, कालीमिर्च, धान जैसी फसलों के तैयार होने की ख़ुशी में मनाया जाता है और इस त्यौहार में ख़ासतौर पर श्रावण के देवता तथा फूलों की देवी की पूजा की जाती है।

10 दिन तक मनाया जाने वाले इस त्यौहार में लोग अपने घरों को पुष्पों से सजाते हैं, एवं घर आंगन में फूलों की सुंदर सुंदर रंगोली बनाते हैं। महिलायें और किशोरियाँ इस दिन नाचने गाने में मस्त रहती है और पुरूष तैरने और नौका-दौड़ में शामिल होते हैं।

इनकी होती हैं पूजा

केरल के लोग ओणम के त्यौहार को नाचते – गाते मानते हैं। इस दिन पूरे राज्य में शेर नृत्य, कुचीपुड़ी, गजनृत्य, कुमट्टी काली, पुलीकली तथा कथकली जैसे लोकनृत्य किये जाते हैं। ओणम के नौवें दिन ही शाम को घर में गणेश जी की मूर्ती और श्रावण देवता की मूर्ति स्थापित कर शुद्ध घी के दीपक जलाएं जाते हैं तथा एक विशेष प्रकार का भोग “पूवड” का भोग लगाया जाता है।

64 प्रकार के बनते हैं पकवान

थिरुओनम ओणम त्यौहार का अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण दिन होता हैं, इस दिन केरल राज्य के प्रत्येक घरों में पारम्परिक पकवान जैसे- चावल के आटे में विभिन्न प्रकार की सब्जियों को मिलाकर अवियल बनाया जाता है, केले का हलवा, नारियल की चटनी सहित पूरे 64 प्रकार के पकवान बनाएं जाते है। जिन्हें ओनसद्या कहा जाता है। इन सभी पकवानों को बनाने के बाद इन्हें केले के पत्तों पर परोस कर खाया जाता है।