नक्षत्र: चित्रा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर बाद २.०७ तक, उसके बाद स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। चित्रा में यथाआवश्यक शांति, वास्तु, अलंकार, जनेऊ, वस्त्र, अन्य स्थिर कार्य और कृषि संबंधी कार्य शुभ कहे गए हैं। स्वाति में विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु और वस्त्रालंकार आदि कार्य करने योग्य हैं।
शुभ वि.सं. : २०७५, संवत्सर नाम: विरोधकृत्, अयन: उत्तरायण, शाके: १९४०, हिजरी: १४३९, मु.मास: सावान-१२, ऋतु: ग्रीष्म, मास: वैशाख, पक्ष: शुक्ल।
विशिष्ट योग: राजयोग नामक शुभ
योग ? प्रात: ६.३८ से दोपहर बाद २.०७ तक तथा रवियोग नामक दोष समूह नाशक शक्तिशाली शुभ योग सूर्योदय से दोपहर बाद २.०७ तक है। चंद्रमा: संपूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में है।
भद्रा: प्रात: ६.३८ से सायं ६.३३ तक भद्रा है। भद्रा में यथासंभव शुभ व मांगलिक कार्य टाल देने चाहिए। वारकृत्य कार्य : रविवार को वैसे पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज तो तुला राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़एआज प्रात: ७.३२ से दोपहर १२.२४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद २.०२ से अपराह्न ३.३९ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५८ से १२.५० तक अभिजित नामक श्रेष्ठ
मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकालसायं ४.३० बजे से सायं ६.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है। इसके अतिरिक्त आज छिन्नमस्ता जयंती, श्री आद्य शंकराचार्य कैलाश गमन,
गुरु अमरदास जयंती (प्राचीन मत से) चान्द्र पूर्णिमा व्रत, श्री कूर्म जयंती तथा गंधेश्वरी पूजा (बंगाल में) भी मनाई जाएगी।