scriptफलदायनी उत्पन्ना एकादशी व्रत : 22 नवंबर 2019 | Utpanna Ekadashi Vrat 22 November 2019 | Patrika News

फलदायनी उत्पन्ना एकादशी व्रत : 22 नवंबर 2019

locationभोपालPublished: Nov 12, 2019 04:58:28 pm

Submitted by:

Shyam

Utpanna Ekadashi Vrat : फलदायनी उत्पन्ना एकादशी व्रत

फलदायनी उत्पन्ना एकादशी : 22 नवंबर 2019

फलदायनी उत्पन्ना एकादशी : 22 नवंबर 2019

इस साल 22 नवंबर दिन शुक्रवार 2019 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा। भारतीय शास्त्रों में इस एकादशी को सर्व फलदायनी एकादशी बताया गया है, क्योंकि एकादशी व्रत करने की शुरूआत ही मार्गशीर्ष माह में इसी तिथि से हुई थी तभी से इसे उत्पन्ना एकादशी तिथि के नाम से जाना जाने लगा। इस दिन व्रत रखकर भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना की जाता है। जानें उत्पन्ना एकादशी तिथि व्रत का महत्व।

 

मार्गशीर्ष (अगहन) मास 2019 : प्रमुख व्रत एवं त्यौहार

वैसे तो हिन्दू धर्म के श्रद्धालु सभी एकादशी का व्रत बड़ी श्रद्धा के साथ करते हैं। एकादशी तिथि प्रत्येक माह में दो बार, पहली शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में आती है। साल भर में कुल 24 एकादशी होती है, लेकिन अधिकमास को मिलाकर इनकी संख्या 26 भी हो जाती है। लेकिन मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी को व्रत करने वाले श्रद्धालु की सभी कामनाएं पूरी होने लगती है।

फलदायनी उत्पन्ना एकादशी : 22 नवंबर 2019

कहा जाता है कि एकादशी व्रत की शुरूआत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि से ही हुई थी, शायद यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि एकादशी एक देवी का नाम है, जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था और जिस दिन इनका जन्म हुआ था उस दिन एकादशी तिथि ही थी इसलिए ही इस दिन उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा, औऱ तभी से एकादशी व्रत का प्रचलन शुरु हुआ था।

फलदायनी उत्पन्ना एकादशी : 22 नवंबर 2019

बंधनों से मिलती है मुक्ति

हिन्दू धर्म शास्त्रों में कथा आती है कि एकादशी व्रत शुरू करने का संकल्प केवल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी से ही लेना चाहिए, तभी यह पूर्णतः फलदायी सिद्ध होती है। इस दिन व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति एवं अश्वमेघ यज्ञ के जैसे पुण्य फल मिलने के साथ सभी मनोकामनाएं पूरी होने लगती है। उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखकर विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इस दिन व्रती को बुरे कर्म करने वाले, पापी, दुष्ट व्यक्तियों से दूरी बनाये रखना चाहिए। रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए ज्ञात-अज्ञात गलतियों के लिये भगवान श्री विष्णुजी से क्षमा मांगना चाहिए।

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फलदायनी उत्पन्ना एकादशी : 22 नवंबर 2019
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