
how to worship ma durga in navratri
नवरात्र के पावन दिनों में देवी भगवती की आराधना और साधना में प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक पूजा सामग्री का प्रतीकात्मक महत्त्व होता है। हर एक सामग्री के पीछे कोई न कोई उद्देश्य या संदेश भी जुड़ा हुआ है। नवरात्र के बारे में शास्त्रीय विधान है कि तन-मन की शुद्धि, संपूर्ण मनोयोग और विश्वास के साथ यदि देवी मां की आराधना की जाए तो सभी मनोरथ शीघ्र पूरे होते हैं।
कलश
धर्म शास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश में सभी ग्रह, नक्षत्रों एवं तीर्थों का वास होता है इसलिए नवरात्र पूजा में घट स्थापना का सर्वाधिक महत्त्व है। कलश में ही ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र, नदियां, सागर, सरोवर और 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। विधिपूर्वक कलश पूजन से सभी देवी-देवताओं का पूजन हो जाता है।
ज्वारे
नवरात्र में जौ समृद्धि, शांति, उन्नति और खुशहाली का प्रतीक होते हैं। ऐसी मान्यता है कि जौ उगने की गुणवत्ता से भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। माना जाता है कि अगर जौ तेजी से बढ़ते हैं तो घर में सुख-समृद्धि आती है वहीं अगर ये बढ़ते नहीं और मुरझाए हुए रहते हैं तो भविष्य में किसी तरह के अमंगल का संकेत देते हैं।
दीपक
नवरात्र के समय घर में शुद्ध देसी घी का अखंडदीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपक, साधना में सहायक तृतीय नेत्र और हृदय ज्योति का प्रतीक है। इससे हमें जीवन के ऊध्र्वगामी होने और अंधकार को मिटा डालने की प्रेरणा मिलती है।
नारियल
नवरात्र पूजा में कलश के ऊपर नारियल पर लाल कपड़ा और मोली लपेटकर रखने का विधान है। माना जाता है कि इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं। मां दुर्गा के समक्ष नारियल को तोडऩे का तात्पर्य अहंकार को तोडऩा है।
बंदनवार
प्राचीन काल से ही पूजा-अनुष्ठान में मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों की बंदनवार लगाई जाती है, जिससे घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं। मान्यता है कि देवी पूजा के प्रथम दिन देवी के साथ तामसिक शक्तियां भी होती हैं। देवी घर में प्रवेश करती हैं, पर बंदनवार लगी होने से तामसिक शक्तियां घर के बाहर ही रहती हैं।
गुड़हल का पुष्प
पौराणिक मान्यता है कि गुड़हल के पुष्प अर्पित करने से देवी प्रसन्न होकर भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं। सुर्ख लाल रंग का यह पुष्प अति कोमल होने के साथ ही असीम शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है, इसलिए लाल गुड़हल देवी मां को अत्यंत प्रिय है।
Published on:
19 Mar 2018 03:20 pm
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