सिर्फ ब्याज का ही करना होगा भुगतान
देश के सबसे बड़े बैंक के बयान के अनुसार दो साल के लोन मोराटोरियम का लाभ लेने वालों को सिर्फ ब्याज ही देना होगा, वहीं बैंक इस सुविधा के बदले में रिटेल कर्जदारों से अतिरिक्त 0.35 फीसदी सालाना एक्स्ट्रा इंट्रस्ट लेगी। ये सुविधा सिर्फ उन्हीं कर्जदारों को दी जाएगी जिनका लोन अकाउंट स्टैंडर्ड श्रेणी के तहत है। इसका मतलब है कि जिन कर्जदारों ने लोन भुगतान में 1 मार्च 2020 तक 30 दिन या इससे ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं किया है। वहीं उन ही लोगों को इसका लाभ दिया जाएगा जिनकी इनकम पर कोरोना वायरस का संकट गहराया हुआ है।
इन लोगों को दिया जाएगा मोराटोरियम का लाभ
– कर्जदार को कोरोना वायरस के कारण आय पर पड़े असर के लिए कागजात देने होंगे।
– कोरोना वायरस से प्रभावित उन्हीं लोगों को माना जाएगा कमाई फरवरी 2020 के मुकाबले अगस्त में कम हुई है।
– जिपन लोगों की सैलरी रोकी या काटी गई है वो कर्जदार भी इसका लाभ ले पाएंगे।
– नौकरी से हाथ धोने और कारोबार में नुकसान उठाने वाले कस्टमर भी मोरेटोरियम का लाभ सकेंगे।
– लॉकडाउन के दौरान कारोबार ठप, कारोबारी गतिविधियों में कमी, दुकान या प्रतिष्ठान में काम कम होने स्थिति में एसबीआई कर्जदार इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
ऐसे किया जा सकता है मोराटोरियम के लिए अप्लाई
– एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगइन कर कर्जदार को अपना अकाउंट नंबर डालना होगा।
– इसके अलावा बैंक को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की भी जानकारी देनी होगी।
– मोबारइल नंबर पर आए ओटीपी से वैलिडेशन पूरा होने के बाद कुछ जरूरी जानकारी देनी होगी।
– जिसके बाद कर्जदार को लोन लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर अपनी पात्रता का पता चल जाएगा।
– साथ में बैंक की ओर से कर्जदार को एक रेफरेंस नंबर भी दिया जाएगा।
– यह रेफरेंस नंबर 30 दिन तक वैलिड माना जाएगा, इस अवधि के दौरान कस्टमर जरूरी औपचारिकताएं बैंक में पूरी कर सकते हैं।
– लोन रिस्ट्रक्चरिंग का प्रोसेस डॉक्युमेंट्स के वेरिफिकेशन और ब्रांच में डॉक्युमेंट के एग्जीक्यूशन के बाद पूरा होगा।
– कर्जदार अपने बैंक के नजदीकी ब्रांच में जाकर भी लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
यह कागजात दिखाने होंगे जरूरी
– एसबीआई की इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कस्टमर को फरवरी 2020 और करंट मंथ की सैलरी स्लिप दिखानी होगी।
– मोरेटोरियम टेन्योर खत्म होने के बाद अनुमानित सैलरी या कारोबार से होने वाली संभावित आय का घोषणापत्र देना होगा।
– नौकरी जाने वाले लोगों को बैंक में अपना रिलीविंग लेटर जमा कराना होगा।
– इसके अलावा सैलरी अकाउंट का स्टेटमेंट भी जमा करना होगा।
– बिजनेस बंद होने की स्थिति में फरवरी 2020 से लेकर लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अप्लाई करने से 15 दिन पहले तक का ऑपरेटिंग अकाउंट का स्टेटमेंट देना होगा।
– बिजनसमैन को अपने बिजनेस के कोरोना वायरस से प्रभावित होने का डिक्लेयरेशन देना होगा।