सवालः पीएनबी में ओबीसी और यूबीआई के मर्जर ग्राहकों पर किस तरह का असर देखने को मिलेगा?
जवाब: तीनों बैंकों के मर्जर से खाताधारक को नुकसान नहीं होगा। सभी खाताधारक देश के बड़े बैंक का हिस्सा बन जाएंगे। ग्राहकों के पास ब्रांच ऑप्शन, एटीएम की संख्या और ज्यादा बेहतर टेक्नोलॉतजी का ऑप्शन होगा। कस्टमर्स के पास पहले से ज्यादा सर्विस और प्रोडक्ट्स होंगे।
सवालः इस मर्जर के बाद ओबीसी और यूबीआई बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा?
जवाब: ओबीसी और यूबीआई बैंकों का विलय नेशनल बैंक में होगा। विलय के बाद दोनों बैंकों का नाम भी पीएनबी हो जाएगा।
सवालः क्या इस विलय के बाद ब्रांचों की संख्या में कटौती कर दी जाएगी?
जवाब: तीनों बैंकों के विलय के बाद किसी भी बैंक ब्रांच को बंद नहीं किया जाएगा। वैसे भविष्य में इस बात की कोई गारंटी नहीं है। जिन बैंक ब्रांचों की दूरी कम होगी उनमें से एक को बंद कर दिया जाएगा। ऐसा करने से पहले ग्राहकों को इस बात की जानकारी दे दी जाएगी।
सवालः क्या तीनों बैंकों के टोल फ्री नंबर, कस्टमर केयर नंबर, ईमेल आईडी में किसी तरह का चेंज होगा?
जवाब: मर्जर के बाद तीनों बैंकों के टोल फ्री नंबर, कस्टमर केयर नंबर, ईमेल आईडी सभी कुछ एक्टिव रखे जाएंंगे। तीनों बैंकों के किसी नंबर को डायल कर तीनों में से किसी भी बैंक के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।
सवालः मर्जर के बाद सभी खाताधारकों को दोबारा केवाईसी जमा करानी होगी?
जवाब: अगर किसी कस्टमर ने अभी तक बैंक में अपनी केवाईसी नहीं कराई है तो करानी होगी वर्ना नहीं।
सवालः मर्जर के बाद आईएफएससी कोड, एमआईसीआर, डेबिड कार्ड आदि में किसी तरह का बदलाव देखा जाएगा?
जवाब: मर्जर के बाद अकाउट नंबर, आईएफएससी कोड, एमआईसीआर, डेबिड कार्ड आदि में किसी तरह का बदलाव नही होगा। यहां तक कि चेकबुक और पासबुक तक में भी किसी तरह के चेंज नहीं होंगे।