
एसबीआर्इ की तर्ज पर फिर होगा बैंकों का मर्जर, देश का दूसरा सबसे बड़ा बनाया जाएगा बैंक
नर्इ दिल्ली। जिस तरह से स्टेट बैंकों का एसबीआर्इ के साथ मर्जर कर देश का सबसे बड़ा बैंक बनाने की कोशिश की गर्इ थी। उसी तरह से अब देश के चार बड़े बैंको का मर्जर करने की तैयारी केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है। इन बैंकों के मर्जर के बाद एक बड़ा बैंक तैयार किया जाएगा जो देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। सरकार का दावा है कि इस मर्जर के बाद खस्ताहाल इन सरकारी बैंकों की हालात में सुधार होगा आैर वो अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम हो सकेंगे।
इन बैंकों को आपस में होगा मर्जर
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का आपस में मर्जर किया जाएगा। इन चारों बैंकों के मर्जर के बाद तैयार होने वाले नए बैंक की कुल संपत्ति 16.58 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। इन बैंकों का विलय सरकार के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 2018 में इन चारों बैंकों का कुल घाटा लगभग 22 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। एनपीए के बोझ से दबे सरकारी बैंकों के लिए इस मर्जर प्लान को केंद्र सरकार इसलिए भी बढ़ावा देने में जुटी है ताकि अलग-अलग चारों बैंकों को घाटे के दौर से ना गुजरना पड़ा रहा है। जिसके बाद सभी अपनी संपत्ति को बेचकर घाटे की भरपाई की प्रक्रिया को शुरू कर सकें।
मर्जर के क्या होंगे फायदे?
- कमजोर बैंक अपने संचालन घाटे को कम करने के लिए उन ब्रांचों को आसानी से बंद करने का फैसला ले पाएगी जहां उसे सबसे ज्यादा घाटा उठाना पड़ा रहा है।
- मर्जर हुए अन्य बैंक उन क्षेत्रों में अपनी शाखाओं को जारी रखते हुए विस्तार कर सकेंगे।
- मर्ज होने वाले सभी सरकारी बैंक अपने कर्मचारियों की छंटनी को आसानी से कर पाएंगे।
- केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इन चारों बैंकों में सबसे खस्ताहाल स्थिति आईडीबीआई बैंक की है।
- केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक में लगभग 51 फीसदी तक की हिस्सेदारी किसी निजी कंपनी को बेचने की भी तैयारी कर रही है।
- इससे केंद्र सरकार को लगभग 9 से 10 हजार करोड़ रुपए जुटाने में भी मदद मिलेगी।
Published on:
05 Jun 2018 09:57 am
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