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31 जनवरी को पेश होगी दोनों सदनों में ‘आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट’, जानें क्यों है जरूरी

बजट से पहले दोनों सदन में होता 'आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट' (Economic Survey Report) शामिल बजट पेश करने से एक दिन पहले जमा होती है रिपोर्ट

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 'आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट'

'आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट'

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) 2020का बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है। बजट पेश करने से पहले दोनों ही सदन में एक रिपोर्ट पेश की जाती है। इस रिपोर्ट का नाम होता है 'आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट' (Economic Survey Report)। बता दें कि इस रिपोर्ट को आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणयम दोनों सदनों में पेश करेंगे। इस रिपोर्ट में पिछले 12 महीनों में विकास को लेकर कितने काम हुए हैं। सरकार द्वारा बनाई किन योजनाओं में सफलता हासिल हुई हैं। इस रिपोर्ट में सरकार द्वारा आर्थिक स्थिति को देखते हुए किस प्रकार की योजना बनानी चाहिए ये सुझाव भी इस रिपोर्ट में शामिल होते हैं साथ ही भविष्य में इकॉनमी कैसी होगी इस बात की भी पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में होती है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को तैयार करते हैं 'मुख्य आर्थिक सलाहकार'

वित्त मंत्रालय के इन अहम दस्तावेजों को मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं। रिपोर्ट को बनाते वक्त आर्थिक सर्वे अर्थव्यवस्था के सभी पहुलाओं को इक्ट्ठा करते हैं और विस्तृत आंकड़े प्रदान करते हैं। जिसके आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर आसानी से दिख जाती है। रिपोर्ट बनाने वाले आर्थिक सलाहकारों के लिए सर्वे रिपोर्ट बहुत मायने रखती है। क्योंकि इस रिपोर्ट के आधार पर सलाहकार बीते हुए साल, वर्तमान और भविष्य में देश की इकनॉमी कैसी थी और कैसी होगी का अंदाजा आसानी से लगा लेते हैं।

रिपोर्ट में शामिल होते है बजट को लेकर सुझाव

सर्वे होने से इस बात की जानकारी मिल जाती है कि आने वाले टाइम में इनकॉमी कैसी होगी। जिसे देखते हुए इस रिपोर्ट में सरकार को कुछ सुझाव भी दिए जाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सरकार इन सुझावों पर अमल नहीं कर सकती है। यदि सरकार को वो सुझाव ठीक लगते हैं तो वो उन सुझावों को बजट में इस्तेमाल करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है।