scriptIDBI बैंक में 600 करोड़ का घोटाला, बैंक अफसरों समेत 39 के खिलाफ मुकदमा दर्ज | CBI register fir against 15 IDBI Bank officers in 600 crore loan case | Patrika News

IDBI बैंक में 600 करोड़ का घोटाला, बैंक अफसरों समेत 39 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

locationनई दिल्लीPublished: Apr 26, 2018 07:36:32 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

आइडीबीआइ के अधिकारियों पर फर्जी तरीके से लोन पास करने का आरोप है।

IDBI Bank
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के करीब 13,600 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पूरी तरह से सक्रिय है। अब सीबीआइ ने आइडीबीआइ के 600 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले में बैंक के 15 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन बैंक अधिकारियों पर फर्जी तरीके से 600 करोड़ रुपए का लोन पास कराने का आरोप है। इसके अलावा सीबीआइ ने एक्सेल सनशाइन प्राइवेट लिमिटेड के 24 कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
RBI लगा चुका है IDBI पर जुर्माना

IDBI में पिछले काफी दिनों से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अभी हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी IDBI बैंक पर तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुका है। RBI ने बैंक पर यह जुर्माना एनपीए को लेकर सही जानकारी नहीं देने पर लगाया था। RBI के अनुसार IDBI बैंक ने करीब 6,186 करोड़ रुपए के एनपीए की जानकारी नहीं दी थी। लेकिन बाद में RBI को इसकी जानकारी लग गई थी। आपको बता दें कि बैंकों के नियमों के अनुसार 15 फीसदी से ज्यादा एनपीए हो जाता है इसकी जानकारी सार्वजनिक करनी होती है।
चेन्नई में गुटका घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को करोड़ों रुपए के गुटका घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश दिया। इस घोटाले में एक मंत्री व शीर्ष राज्य पुलिस अधिकारी सहित कई सरकारी अधिकारी शामिल हैं। अदालत ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) विधायक जे. अनबझागन की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। यह मामला 2016 में तमिलनाडु में एक गुटका निर्माता के कार्यालयों, निवासों और गोदामों में आयकर विभाग की छापेमारी से संबंधित है। इस दौरान यहां मिली एक डायरी जब्त कर ली गई, जिसमें विभिन्न अधिकारियों को कथित रिश्वत के भुगतान की जानकारी दी गई थी।

प्रतिबंध के बाद भी बिक रहा था गुटका
तमिलनाडु सरकार ने तंबाकू युक्त गुटका के उत्पादन और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन यह उत्पाद पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों के कथित सहभागिता के साथ बाजार में उपलब्ध था। कई राजनीतिक दलों ने घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सरकार इस बात से सहमत नहीं थी।
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