11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डूबते पाकिस्तान को चीन का सहारा, दी एक अरब डॉलर की आर्थिक मदद

चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डाॅलर की आर्थिक मदद की है, इस मदद के बाद से भारत के संबंध चीन से खराब हो सकते हैं।

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Jul 03, 2018

china

डूबते पाकिस्तान को चीन का सहारा, दी एक अरब डॉलर की आर्थिक मदद

नर्इ दिल्ली। मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालत कुछ अच्छी नहीं है। अगर भारत से तुलना की जाए तो पाकिस्तान का रुपया भारत के 50 पैसे के बराबर आ चुकी है। अब पिछले कुछ समय से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और बेलआउट पैकेज हासिल करने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन पाकिस्तान की मदद के लिए चीन का हाथ सामने आ चुका है। अब शायद पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरुरत ना पड़े। चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डाॅलर की आर्थिक मदद की है। इस मदद के बाद से भारत के संबंध चीन से खराब हो सकते हैं।

चीन से मिली एक अरब डाॅलर की मदद
मई 2017 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.4 अरब डॉलर था, जो इस साल घटकर 9.66 अरब डॉलर रह गया है। ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए चीन से एक से दो अरब डॉलर तक का कर्ज लेने की बात कही थी। मगर पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने की कोशिश में चीन के बेशुमार कर्ज तले दबता दिख रहा है।

चीन अब तक पांच अरब डाॅलर की कर चुका है मदद
चीन की तरफ से मिली इस आर्थिक मदद को लेकर वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा, 'हां, यह हमारे पक्ष में है.' वहीं एक अन्य सूत्र ने कहा कि 'मामला पूरा हो गया है.' इस लोन के साथ, जून में समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान को चीन का दिया उधार पांच अरब डॉलर से भी ऊपर चला गया है।

आर्इएमएफ से भी मांगेगा पाकिस्तान
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय के दस्तावेज के मुताबिक, वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीनों में चीन ने पाकिस्तान को द्विपक्षीय ऋण में 1.5 अरब डॉलर दिए थे। मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो इस दौरान पाकिस्तान को चीनी बैंकों से कमर्शियल लोन में 2.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें तो चीन की मदद पाकिस्तान के लिए काफी नहीं होगी। 25 जुलाई को देश में चुनाव हो जाने के बाद नई सरकार IMF से दूसरे बेलआउट पैकेज की मांग करेगा।