
नई दिल्ली। कोरोना महामारी का डर हर किसी को सता रहा है। इसके इलाज में होने वाले लाखों के खर्च को देखते हुए हर कोई अपना और परिवार के दूसरे सदस्यों को सुरक्षित रखना चाहता है। इसी के चलते इन दिनों COVID-19 स्पेशल बीमा की डिमांड काफी बढ़ गई है। एक महीने से भी कम अवधि के बीच करीब 15 लाख से ज्यादा लोगों ने इससे जुड़ी अलग-अलग पॉलिसीज ली है। इस बारे में बीमा नियामक IRDAI प्रमुख का कहना है कि बीमा कंपनियों को ऐसे मुश्किल वक्त में पॉलिसीधारकों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के विकराल रूप को देखते हुए कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Corona Kavach insurance Policy) बाजार में काफी पॉपुलर हो रही हैं। ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा कंपनियों (Insurance Companies) ने ये स्कीम्स 10 जुलाई के आस-पास लांच की थी। इसमें साढ़े तीन महीने से साढ़े नौ महीने के लिए पॉलिसी बेची जा रही हैं। बीमा धारक को इन पॉलिसीज से चिकित्सा खर्च के लिए अधिकतम पांच लाख रुपए मिलेंगे। बीमा विनियामक इरडा ने इसके लिए कंपनियों को मंजूरी दी है।
(IRDAI) के चेयरमैन सुभाष सी खुंटिया ने गुरुवार को उद्योग मंडल FICCI के बीमा क्षेत्र पर आयोजित वार्षिक सम्मेलन में कहा कि बीमा कंपनियों को मानक कोरोना वायरस पॉलिसी ‘कोरोना कवच’ और ‘कोरोना रक्षक’ पेश करने को कहा है। इसके जरिए लोगों की सुरक्षा हो सकेगी। साथ ही उन्हें अपने परिवार के बारे में हो रही चिताओं से छुटकारा मिलेगा। बीमा कंपनियों को ग्राहकों की बदलती जरूरतों का ध्यान रखना होगा। इरडा ने बीमा कंपनियों को पॉलिसी की राशि अपने अनुसार तय करने की छूट दे रखी है।
Published on:
28 Aug 2020 02:54 pm
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