
Employee Pension Scheme
नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह की पेंशन स्कीम्स हैं। मगर प्राइवेट सेक्टर (Private Sector Employee) में कार्यरत लोगों के बुढ़ापे को आरामदायक बनाने के लिए पहले ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। बाद में इंप्लॉई पेंशन स्कीम, 1995 (EPS) के तहत प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ देने की व्यवस्था की गई। हालांकि महंगाई को देखते हुए ये पेंशन पर्याप्त नहीं है। कोरोना काल में तो इसे बढ़ाया जाना और जरूरी होगी। इसी मकसद से सरकार ने ईपीएस (Employee Pension Scheme) के तहत दिए जाने वाले मासिक पेंशन की रकम को बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति महीना करने पर विचार कर रही है। इस सिलसिले में लेबर पैनल 28 अक्टूबर यानि कल एक बैठक कर सकती है। जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रोविडेंट फंड (PF) पर ज्यादा ब्याज देने और इम्प्लाइज पेंशन फंड के तहत 5000 रुपए प्रति महीना पेंशन दिए जाने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार का मकसद असंगठित श्रमिकों को बुढ़ापे की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ समय से कई ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठन भी पेंशन की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में EPS योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। PF कोष के लिए गठित पैनल की होने वाली बैठक में पेंशन के अलावा खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को दिए जाने वाले आर्थिक लाभ पर भी चर्चा होने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि EPF कोष पैनल में होने वाली चर्चा के अहम बिंदुओं की एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के तहत रकम में दिए जाने वाले ब्याज में भी बढ़ोत्तरी किए जाने की संभावना है। मालूम हो कि अभी 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। यह पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे कम है। ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष से इसे बढ़ाया जा सकता है। जिससे कर्मचारियों को ज्यादा लाभ मिल सके।
क्या है EPS Pension स्कीम
प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ मिल सके इसके लिए ईपीएस पेंशन स्कीम की शुरुआत की गई थी। EPF स्कीम 1952 एक्ट के तहत एंप्लॉयर की ओर से कर्मचारी के EPF में दिए जाने वाले 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है। जिसका लाभ 58 साल की उम्र के बाद कर्मचारी को मिलता है। EPS स्कीम में प्राइवेट कर्मचारी मंथली पेंशन का लाभ ले सकते हैं। EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है।
Published on:
27 Oct 2020 11:15 am
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