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आरबीआई से 30 हजार करोड़ रुपए अंतरिम डिवीडेंड की डिमांड कर सकता है वित्त मंत्रालय

राजकोषीय घाटे को मेंटेन करने के लिए आरबीआई के सामने केंद्र फैला सकती है हाथ वित्त वर्ष 2020 के लिए आरबीआई से 90,000 करोड़ रुपए के लाभांश का बजट अनुमान

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Saurabh Sharma

Jan 22, 2020

reserve bank of india

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय 25,000 से 30,000 करोड़ रुपए अंतरिम लाभांश के लिए भारतीय रिजर्व बैंक पर दबाव डाल सकता है। ऐसा तीसरी बार होगा, जिससे राजकोषीय घाटा 2019-20 में 3.3 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास से पोस्ट बजट विजन परंपरागत बैठक में मुलाकात करेंगी तो केंद्रीय बैंक व सरकार इस मुद्दे पर विचार कर सकती हैं।

सरकार का वित्त वर्ष 2020 के लिए आरबीआई से 90,000 करोड़ रुपए के लाभांश का बजट अनुमान है। आरबीआई जुलाई-जून के वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है। आरबीआई के कुल लाभांश का 2019-20 (जुलाई-जून) के अंतरिम लाभांश से सरकार को राजकोषीय घाटे को 3.3 फीसदी रखने में मदद मिल सकती है।

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पूर्व में आरबीआई ने अंतरिम लाभांश के रूप में कुल 38,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया था (वित्त वर्ष 19 में 28,000 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2018 में 10,000 करोड़ रुपए)। सूत्रों ने कहा, "अगर आरबीआई बोर्ड सिफारिश करता है, तो यह तीसरी बार होगा जब अंतरिम भुगतान सरकार को दिया जाएगा।"

केंद्रीय बैंक ने फरवरी में अपने 2018-19 के राजकोषीय खातों (जुलाई-जून) से अंतरिम लाभांश के रूप में 28,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, जिससे सरकार को पिछले वित्त वर्ष में घाटा 3.4 फीसदी तक रोकने में मदद मिली थी। रिजर्व बैंक जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का पालन करता है और आम तौर वार्षिक खातों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद अगस्त में लाभांश वितरण किया जाता है।

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अंतरिम लाभांश की मांग आम नहीं है। आरबीआई के आर्थिक पूंजी ढांचे पर बिमल जालान की अगुवाई वाली समिति ने अगस्त में सिफारिश की थी कि सरकार को केवल 'असाधारण परिस्थितियों' में अंतरिम लाभांश का भुगतान किया जाना चाहिए।