
बजट भी हुआ डिजिटल, इस राज्य में पहली बार पेश हुआ था डिजिटल बजट
नई दिल्ली। चुनावी साल में देश का अंतरिम बजट पेश होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं। 1 फरवरी को पेश होने वाला ये बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली का लगातार छठा बजट होता, लिकेन अब उनकी जगह पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे। ये एनडीए सरकार का आखिरी बजट होगा। इस बजट में देश के अलग-अलग सेक्टर को राहत मिलने की उम्मीद है। चुनावों के पहले आने वाले इस अंतरिम बजट में किसानों, मिडिल क्लास और एक्साइज ड्यूटी पर कई प्रावधान आ सकते हैं, लेकिन डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करना इस बजट की सबसे बड़ी चुनौती होगी। सरकार लंबे समय से देश को पूरी तरह डिजिटल बनाने का सपना देखती आई है। उम्मीद है कि अंतरिम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय सुना सकती है।
इस राज्य में पेश हुआ था डिजिटल बजट
डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने की दिशा में भारत सरकार डिजिटल बजट पेश करने के बारे में विचार कर रही है। इसका मुख्य कारण सुरक्षा है। लेकिन अगर डिजिटल बजट साइबर हैकिंग का शिकार हो गया तो भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर भी पहुंचाई जा सकती है। यही कारण है कि बजट को सफेद कागज पर काली स्याही से छापा जाता है, ताकि सब स्पष्ट दिखाई दे। बता दें भारत में उत्तराखंड में सबसे पहले डिजिटल बजट पेश किया गया था।
देश को डिजिटल बनाने में बड़ा कदम
अगर इस वर्ष भारत सरकार डिजिटल बजट पेश करती है तो ये निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि होगी और देश को पूर्ण रूप से डिजिटल बनाने में एक बड़ा कदम होगा। उत्तराखंड के बाद साल 2018 में असम ने भी ई-बजट पेश किया था। डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है।
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Updated on:
30 Jan 2019 11:48 am
Published on:
19 Jan 2019 02:03 pm
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