
सरकारी बैंकों को संजीवनी देंगी नई वित्त मंत्री, बजट में 40 हजार करोड़ देने की कर सकती हैं घोषणा
नई दिल्ली। पब्लिक सेक्टर बैंकों ( PSB's ) की उधार देने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार वित्त वर्ष 2019-20 में इन्हें 40 हजार करोड़ रुपए देने का प्लान बना रही है। संभावित तौर पर इसकी घोषणा आगामी 5 जुलाई को बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) कर सकती हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, "सरकार यह पूंजी बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ को सपोर्ट करने और कुछ कमजोर सरकारी बैंकों को रेग्युलेटर नियमों को मेंटेन करने के लिए देगी।"
पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार ने दिए थे 1.6 लाख करोड़ रुपए
अभी भी पांच सरकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन ( PCA ) फ्रेमवर्क के अंतर्गत हैं। आरबीआई ने इन बैंकों पर उधार देने को लेकर कुछ प्रतिबंध लगा रखा है ताकि इनके वित्तीय हालत में सुधार हो सके। इसके पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने इन बैंकों को 1.6 लाख करोड़ रुपए दिया था। पब्लिक सेक्टर के बैंकों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी रकम है। बता दें कि पिछली तिमाही में पब्लिक सेक्टर के दो दिग्गज बैंक पंजाब नेशनल बैंक ( Punjab National Bank ) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को भारी घाटा हुआ है। फरवरी माह में पेश किए गए अंतरिम बजट में इन सरकारी बैंकों कोई रकम दिए जाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया था।
बैंकों में रकम बंटने को लेकर सरकार लेगी फैसला
अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुछ दिग्गज कंपनियों को दिवालिया कानून के जरिए बड़ी रिकवरी मिल सकती है। ऐसे में इन बैंकों के मुनाफे को पटरी पर लाने में लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि इन बैंकों की तिमाही नतीजों के आधार पर आखिर किस बैंक कों कितनी रकम देनी है। आधिकारी ने यह भी कहा कि इसमें से कुछ रकम ग्रोथ कैपिटल के तौर पर दिया जा सका है या हो सकता है कि भविष्य में होने वाले मर्जर के बाद नए बैंक को दिया जाए।
क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने पर जोर दे रही सरकार
आरबीआई द्वारा हाल ही में जारी कि गए आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल माह में साल-दर-साल के हिसाब से क्रेडिट ग्रोथे बढ़कर 11.7 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुका है। पिछले साल की सामान अवधि में यह 10.5 फीसदी रहा था। ध्यान देने वाली बात है कि सरकार क्रेडिट ग्रोथ को एक ऐसे समय पर बढ़ाना चाहती है जब भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त है। गत शुक्रवार को ही जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था बीते पांच सालों के न्यूनतम स्तर पर फिसलकर 5.8 फीसदी पर आ गई है।
जीडीपी ग्रोथ कम होने पर सरकार ने दी बधाई
हालांकि, जीडीपी ग्रोथ में इस गिरावट के पीछे का कारण सरकार ने यह दिया कि यह तात्कालिक सुस्ती है। सरकार ने कहा कि गैर-बैंकिंंग वित्तीय कंपनियों की खराब स्थिति की वजह से हुआ है क्योंकि इससे खपत में कमी आई है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, "चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सुस्त रह रहेगी। दूसरी तिमाही के बाद से हम ग्रोथ और खपत में इजाफे की उम्मीद कर सकते हैं।"
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Published on:
04 Jun 2019 02:18 pm
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