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Code on Social Security 2020 : अब 5 नहीं एक साल में मिलेगी ग्रेच्युटी, संसद में पेश हुआ बिल

New Versions of Labour Codes : श्रम सुधारों को लेकर तीन विधेयक किए गए पेश, इसमें से एक सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020 भी है नए नियम के तहत कांट्रैक्ट में काम करने वालों को ज्यादा फायदा होगा, इससे एक कंपनी में निर्धारित समय तक रहने की बाध्यता आड़े नहीं आएगी

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Soma Roy

Sep 21, 2020

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New Versions of Labour Codes

नई दिल्ली। संसंद में सरकार ने श्रम सुधारों को लेकर तीन विधेयक पेश किए गए। इनमें से एक सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020 (Social Security Code 2020) भी है। इसके तहत अब कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पांच साल की जगह एक साल में मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा कंपनियों में कांट्रैक्ट पर काम करने वालों को होगा। क्योंकि ज्यादातर संस्थानों में एक से 5 साल के बीच कांट्रैक्ट किया जाता है, लेकिन इससे पहले ही करार खत्म हो जाने या एम्प्लॉयी के जॉब छोड़ देने पर उसे उसका पैसा नहीं मिल पाता था। मगर अब नए बिल से उनकी ये समस्या दूर होगी।

सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020 में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक अब कर्मचारी का कंपनी में कॉन्ट्रैक्ट चाहे कितने दिन का भी हो, वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा। इसके लिए पांच साल एक जगह काम करने की बाध्यता नहीं होगी। इस बिल को संसद में पेश होने के बाद दोनों सदन से पारित कराया जाएगा, तब कानून बनेगा। मालूम हो कि अभी तक पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के तहत संस्‍थान के हर कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी का लाभ मिलता है। इसके लिए एक कंपनी में 10 से ज्‍यादा कर्मचारियों का होना आवश्यक होता है। नियमों के तहत इस सुविधा का लाभ एक ही कंपनी में पांच साल तक लगातार काम करने पर ही लिया जा सकता था। अब नए नियम के तहत कर्मचारियों को राहत मिलेगी।

मालूम हो कि कोरोना काल में लाखों लोगों के बेरोजगार होने के बाद श्रम मामलों की संसदीय समिति (Parliamentary Standing Committee) ने अपनी रिपोर्ट में इस अवधि को 5 से एक साल किए जाने की सिफारिश की थी। इसी के आधार पर नए कानून को बनाने के लिए संसद में विधेयक पेश किया गया। ग्रेच्यूटी अमाउंट ठीक वैसे ही है जैसे किसी कर्मचारी को एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करने पर सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड की सुविधा मिलती है। इसमें एक छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है, जबकि बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से कर्मचारी के अकाउंट में जमा किया जाता है। यही अमाउंट ग्रेच्युटी के तौर पर कर्मचारी को मिलता है।