
debit credi card cloning
नई दिल्ली: आजकल एटीएम कार्ड ( DEBIT CARD ) है। rbi के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 5 साल में हमारे यहां करीब 30 करोड़ कार्ड यूजर्स बढ़े हैं। अब इन कार्ड्स से जिंदगी तो काफी आसान हो गई है लेकिन साथ ही ठगों को भी नया तरीका मिल गया है लोगों को चूना लगाने का । कोविड-19 या कोरोनावायरस महामारी (Covid-19) और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online transaction) की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है । लेकिन इस बीच ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जीं हां Debit card हो या credit card लोगों के साथ ऑनलाइन ट्राजेक्शन में गड़बड़ी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
दरअसल साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए ये लोग कार्ड की क्लोनिंग स्किमिंग, फिशिंग के जरिए हैकर्स कार्ड को हैक करके आपकी जिंदगी भर की कमाई को खातों से सेकेंड्स में उड़ा लेते हैं। इनमें क्लोनिंग के मामलों में फिलहाल ज्यादा इजाफा देखा गया है ।
क्या होती है क्लोनिंग - ATM, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की क्लोनिंग के लिए स्किमर की जरूरत होती है । स्किमर को स्वाइप मशीन में फिट करने के बाद जैसे ही कोई कार्ड स्वाइप या एटीएम मशीन में यूज करते ही सारे डीटेल स्किमर में कॉपी हो जाते हैं। इसके बाद खाली कार्ड में जानकारी डालकर कार्ड क्लोन तैयार किया जाता है और यूजर के खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
कैसे बचें- एटीएम पिन हमेशा ढंक कर इस्तेमाल करें । मशीन पर लगा कार्ड रीडर ढीला हो तो इस्तेमाल न करें। बैंक ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी SMS पर लें। इसी तरह किसी भी तरह के फ्रॉड ट्रांजेक्शन के बारे में 3 दिन के अंदर बैंक को किसी भी फ्रॉड ट्रांजेक्शन की जानकारी दे सकते हैं।
Published on:
23 Apr 2020 07:52 pm
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