अब तक सबसे महंगा विधानसभा चुनाव
हाल ही में संपन्न हुआ कर्नाटक विधानसभा चुनाव राजनीतिक पार्टियों और उनके द्वारा खर्च किए गए धन के मामले में देश में आयोजित अब तक का सबसे महंगा विधानसभा चुनाव रहा। यह सर्वेक्षण गैर सरकारी संगठन और थिंक टैंक सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने किया है। सर्वेक्षण में कर्नाटक चुनाव को ‘धन पीने वाला’ बताया है। सीएमएस के अनुसार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों द्वारा कर्नाटक चुनाव में 9,500-10,500 करोड़ रुपये के बीच धन खर्च किया गया। यह खर्च राज्य में आयोजित पिछले विधानसभा चुनाव के खर्च से दोगुना है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जो कुल चुनावी खर्च हुआ है, उसमें व्यक्तिगत उम्मीदवारों का खर्चा 75 फीसदी तक बढ़ गया है।
यूपी और गुजरात को पीछे छोड़ा
सर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें प्रधानमंत्री के अभियान में हुआ खर्च शामिल नहीं है। पिछले 20 वर्षों के सीएमएस द्वारा किए गए जमीनी सर्वेक्षण यह संकेत देते हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुआ खर्चा आम तौर पर देश के दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में हुए खर्चे से ज्यादा है। सर्वेक्षण में बताया गया है कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु देश में विधानसभा चुनाव में खर्चे के मामले में सबसे आगे हैं। आपको बता दें कि इससेत पहले यूपी चुनाव और गुजरात चुनाव काफी महंगे चुनावों में गिने जा रहे थे, लेकिन दक्षिण भारत के इस राज्य ने सभी के रिकॉर्ड को ध्वेस्त कर दिया है।
पत्रिका बिजनेस ने 2 मई को लगाया था अनुमान
आपको बता दें कि पत्रिका बिजनेस ने 2 मई को ‘यूपी और गुजरात से ज्यादा महंगा होगा कर्नाटक चुनाव’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें अनुमान लगाया गया था कि कर्नाटक चुनाव देश में हुए बीते सभी विधानसभा चुनावों के मुकाबले सबसे ज्याअदा खर्चीला और महंगा साबित होगा। जिस पर सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के सर्वे ने मुहर लगा दी है। मीडिया इंडस्ट्री में सबसे पहले पत्रिका बिजनेस ने कर्नाटक चुनाव के सबसे ज्या दा महंगे एवं खर्चीले होने का अनुमान लगाया था।
6 गुना होगा लोकसभा चुनावों का खर्च
सीएमएस के अनुसार अगर चुनावों में हो रहे खर्च का अनुपात इसी तरह से बढ़ता रहा तो आने वाले 2019 के लोकसभा चुनावों में 50,000-60,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में 30,000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। ताज्जुनब की बात तो ये है कि यह खर्च कर्नाटक चुनाव के मुकाबले 6 गुना ज्यारदा होगा। यानि 2019 के चुनावों में पॉलिटिकल पार्टियों की रैलियां और रोड शो ज्या दा होंगे।
बढ़ जाएगा इन लोगों का भी खर्च
सर्वेक्षण के मुताबिक लोकसभा के चुनावों में उम्मीदवारों का भी खर्चा बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। आंकड़ों पर बात करें तो लोकसभा चुनाव में उम्मी दवारों का खर्च 55-60 फीसदी बढ़ने की संभावना है। वहीं बात राजनीतिक पार्टियों की करें तो उनका खर्चा 29-30 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है, जो कि 12,000-20,000 करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है।