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रिटर्न फाइल करते समय रखें यह दस्तावेज, आखिरी समय में नहीं होगी परेशानी

locationनई दिल्लीPublished: Aug 23, 2018 10:45:23 am

Submitted by:

Manoj Kumar

आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2018 है।

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रिटर्न फाइल करते समय रखें यह दस्तावेज, आखिरी समय में नहीं होगी परेशानी

नई दिल्ली। मार्च के साथ कई नई चीजों का आगमन होता है। वसंत का आगमन, एक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत और किसी के लिए टैक्स भरने का समय। अब चाहे आप अपने टैक्स को दर्ज करने में पारंगत हैं या पहली बार ऐसा करने जा रहे हैं, आपको सबसे पहले अपने दस्तावेज़ों के क्रम को समझना होगा। आपके लिए टैक्स फाइलिंग के अनुभव को आसान बनाने के लिए भारत की लीडिंग फिनटेक स्टार्टअप कंपनी क्लीयरटैक्स ने सभी टैक्सपेयर्स के लिए दस्तावेजों की एक चेकलिस्ट तैयार की है। क्लीयरटैक्स के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता बता रहे हैं कि टैक्सपेयर्स को क्या-क्या दस्तावेज तैयार रखने चाहिए–
आईटीआर फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की चेकलिस्ट

सभी वेतनभोगी कर्मचारी ध्यान दें, यह वे दस्तावेज़ हैं जिन्हें आप अपने आईटी रिटर्न को फाइल करने से पहले अपने हाथ में रखना चाहेंगे-
– पैन कार्डः प्रत्येक करदाता के पास एक पैन कार्ड होना चाहिए। यह सिर्फ एक पहचान प्रमाण तक सीमित नहीं है, बल्कि आपके विवरण का ट्रैक रखने के लिए आईटी विभाग के लिए महत्वपूर्ण है।
– फॉर्म -16: नियोक्ताओं की ओर वेतनभोगी कर्मचारियों के सेलरी में से स्रोत (टीडीएस) पर कर कटौती की जाती है। यह वेतन किसी के खाते में जमा होने से पहले होता है। एक वित्त वर्ष के अंत में नियोक्ता का कर्तव्य होता है टीडीएस का फॉर्मल अकाउंट प्रस्तुत करें। यह फॉर्म-16 है जिसमें आपकी सेलरी डिटेल्स, टैक्स छूट जैसे वे लागू की गई है और आपकी व्यक्तिगत जानकारी शामिल है। फॉर्म-16 दो भागों में होता है- फॉर्म16-ए और फॉर्म16-बी। यह आपके रिटर्न फाइल करने के लिए अनिवार्य है।
– बैंक स्टेटमेंट: क्या आपका बैंक स्टेटमेंट आपको ब्याज के रूप में हुई आय की जानकारी दे रहा है। यदि ऐसा है तो उसे आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर बताएं। इसके अलावा, यदि आपको लगता है कि आवश्यकता से ज्यादा टैक्स काट लिया गया है तो आप आईटी विभाग को अपने बैंक विवरण जमा करके पैसा वापस करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक का विवरण देना होगा जिसके साथ आपके बैंक के अकाउंट के डिटेल्स भी होंगे।
– फॉर्म 26 एएस: फॉर्म 26 एएस आपकी ओर से काटे गए करों का वार्षिक, कंसोलिडेटेड समरी डॉक्यूमेंट है, जिसका की आपकाे भुगतान किया गया। इस फॉर्म को आसानी से आईटी विभाग की वेबसाइट से पाया जा सकता है।
– सेक्शन 80 इन्वेस्टमेंट्स: आपको पीपीएफ, एनएससी, यूएलआईपीएस, ईएलएसएस, या एलआईसी के तहत किए गए निवेश से संबंधित सभी दस्तावेजों की एक प्रति रखने की भी आवश्यकता है जो धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए अहर्ता प्राप्त करते हैं। आप निम्नलिखित इन्वेस्टमेंट के तहत छूट हासिल करने के लिए इन दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं।
प्रस्तुत करने होंगे यह दस्तावेज

आपको पीपीएफ, एनएससी, यूलिप्स, ईएलएसएस या एलआईसी के तहत किए गए इन्वेस्टमेंट से जुड़े सभी दस्तावेजों की एक प्रति प्रस्तुत करनी होगी। यह धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए छूट योग्य है। आप निम्नलिखित दस्तावेजों का दावा करने के लिए इन दस्तावेज़ों और निवेश किए गए निवेश का उपयोग कर सकते हैं–
– प्रोविडेंट फंड में अंशदान

– बच्चों की स्कूल ट्यूशन फीस के रूप में भुगतान की गई राशि

– लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के तौर पर चुकाई गई राशि

– स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस
– होम लोन पर चुकाई गई मूल राशि

– इक्विटी लिंक्ड स्कीम/म्युचुअल फंड्स में निवेश की गई राशि

आपको बता दें कि सेक्शन 80सी के तहत अधिकतम 1,50,000 रुपए की छूट का दावा किया जा सकता है।
ये दस्तावेज भी जरूरी

अन्य निवेश दस्तावेज: आपके कब्जे वाले घर या किराए पर दी गई संपत्ति के लिए होम लोन पर चुकाया गया 2,00,000 रुपए तक का ब्याज छूट योग्य है। इसके अलावा, आप एजुकेशन लोन इंटरेस्ट चुकाने के लिए भुगतान की गई राशि पर छूट हासिल कर सकते हैं।
स्टॉक ट्रेडिंग स्टेटमेंट: वर्ष के दौरान किए गए स्टॉक ट्रेडिंग पर पूंजीगत लाभ के तहत कर लगाया जा सकता है। इससे यदि कोई कमाई हो तो उसे घोषित करना महत्वपूर्ण है। इसे आप अपनी कर योग्य आय में जोड़ें।
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