जिस तरह से व्यक्ति की पहचान के लिए आधार कार्ड बनाए जाते हैं। ठीक वैसे ही पशुओं की पहचान के लिए उनकी टैगिंग की जाएगी। यही उनका आधार होगा। इसके तहत उन्हें एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जाएगा। मवेशियों के कान में 8 ग्राम के वजन वाला पीला टैग लगाया जाएगा। इसी टैग पर 12 अंकों का आधार नंबर दिया होगा। शुरुआती दौर में टैगिंग का काम देश भर में मौजूद गाय और भैंसों पर होगा। बाद में इसमें भेड़, बकरी एवं अन्य पशुओं को शामिल किया जाएगा। इस खास नंबर के जरिए पशुपालक घर बैठे पशु के बारे में सॉफ्टवेयर पर सारी जानकारी ले सकेंगे। इसमें जानवरों के टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम, चिकित्सा सहायता समेत सभी डिटेल्स मौजूद होंगी।