
PM Kisan Maandhan Yojana
नई दिल्ली: किसान हमेशा से सरकारों के केंद्र में रहे हैं लगातार किसानों के उत्थान के लिए योजनाओं की घोषणा होती रहती है । ऐसे ही किसानों की निश्चित पेंशन के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना को लॉन्च किया था । इस योजना का मुख्य उद्देश्य वृद्धावस्था में किसान को नियमित आय का साधन देना था लेकिन ये योजना ज्यादा सफल होते नहीं दिखती । कम से कम उत्तराखंड के संदर्भ में तो यही दिख रहा है।
दरअसल हम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राज्यभर में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या 8 लाख से ज्यादा है लेकिन केंद्र सरकार की पीएमकेएमवाई जैसी पेंशन स्कीम के लिए सिर्फ 1688 किसानों का ही पंजीकरण हो पाया है। ऐसे में चिंता और सवाल दोनो लाजमी है।
इस योजना को पीएमकेएमवाई नाम से वृद्धावस्था पेंशन योजना प्रारंभ की। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें शामिल होने की आयु 18 से 40 वर्ष है। इस योजना में शामिल किसानों को 60 साल की आयु होने पर तीन हजार रुपये की मासिक पेंशन देने की व्यवस्था है। इसमें प्रीमियम भी 50 फीसद केंद्र और इतना ही किसान को देना होता है। इस योजना के तहत किसान को एक अच्छी-खासी रकम पेंशन के तौर पर मिलने लगती है। जिसकी वजह से माना जा रहा था कि ये योजना सरकार की सफल योजनाओं में शामिल होगी लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।
माना जा रहा है कि सरकार इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने में नाकाम हो रही है। जानकारी के अभीव में किसान इस स्कीम का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
Updated on:
23 Mar 2020 02:20 pm
Published on:
23 Mar 2020 02:19 pm
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