
SS superb verdict on cryptocurrency, bitcoin will be transacted
नई दिल्ली। बीते दिन यानी गुरुवार को केंद्र सरकार ने देश के सर्वोच्च न्यायालय को जानकारी दी है कि एक्सपर्ट पैनल ने प्राइवेट क्रिप्टोकंरसी पर पूरी तरह से बैन लगाने का सुझाव दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि क्रिप्टोकरंसी को बैन करने के लिए सरकार रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल करंसी बिल 2019 को संसद के अगले सत्र में पेश करेगी।
सरकार को डिजिटल मनी लॉन्च करने का सुझााव
क्रिप्टोकरंसी को कानूनी रूप से वैध करने के लिए अंतर-मंत्रालयी पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल ने पिछले माह अपने रिपोर्ट में कहा था कि क्रिप्टोकंरसी को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिये। इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि सरकार को खुद की डिजिटली मनी लॉन्च करना चाहिये। हालांकि, पैनल ने यह भी कहा कि भविष्य में आरबीआई द्वारा संभावित तौर पर क्रिप्टोकरंसी जारी करने पर सरकार को परेशानी भी नहीं होनी चाहिये।
क्रिप्टोकरंसी को बैन करने पर हो कानूनी कार्रवाई
ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी को पूरी तरह से गैर-कानूनी घोषित किया जाना चाहिये। यदि कोई इसका इस्तेमाल करते है तो उसके लिए जुर्माना के साथ-साथ 10 साल के लिए जेल भी होना चाहिये। जस्टिस आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज यानी बुधवार को भी इस मामले पर सुनवाई करने को कहा है।
पिछले साल ही आरबीआई ने जारी किया था सर्कुलर
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के 6 अप्रैल वाले सर्कुलर पर स्टे लगाने से मना कर दिया था, जिसमें बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों को वर्चुअल करंसी का इस्तेमाल करने से मना किया गया था। आरबीआई के इस सर्कुलर के बाद सभी वित्तीय संस्थान व बैंकों ने क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल को बैन कर दिया था।
आरबीआई सर्कुलर को चुनौती देते हुये दायर किये गये हैं याचिका
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाओं को लेकर आरबीआई के इस सर्कुलर पर सुनवाई कर रहा था। इनमें इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएश्न ऑफ इंडिया ने भी आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती दिया है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि क्रिप्टोकंरसी पर बैन करने राइट टू ट्रेड के तहत गलत है, जोकि एक संवैधानिक हक है।
Updated on:
09 Aug 2019 12:27 pm
Published on:
09 Aug 2019 12:26 pm
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