रिजर्व बैंक कम से कम समय में अधिक रकम ट्रांसफर की जाने वाली सुविधा रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम ( RTGS ) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर ( NEFT ) पर बेहद ही कम चार्ज लेता है। RBI को यह चार्ज देने के बदले में बैंक इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हैं। डिजिटल फंड ट्रांसफर को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह चार्ज घटाने या कम करने का फैसला लिया है। बदले में बैंकों को भी इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना होगा।
1. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर ( NEFT )
NEFT ऐसा पेमेंट सिस्टम है जिसके तहत एक बैंक से दूसरे बैंक के खाते में पेमेंट ट्रांसफर किया जाता है। आप इसे सिस्टम को या तो इंटरनेट बैंकिंग के जरिए एक्सेस कर सकते हैं या फिर अपने नजदीकी बैंक ब्रांच से एक्सेस कर सकते हैं। एक बार जब अब अपनी तरफ से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं तो दूसरे खाते में यह रकम कुछ घंटों के अंदर पहुंच जाता है। इस सिस्टम के तहत कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि, हर बैंक व्यक्तिगत तौर पर इसे लेकर एक सीमित दायर सेट कर सकते हैं।
2. रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट ( RTGS )
इस सुविधा के तहत बड़ी रकम को एक बैंक के खाते से दूसरे बैंक के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। मौजूदा नियमों के तहत इस सिस्टम के तहत न्यूनतम 2 लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है।
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